गाय के लिए हर कोई देता है 100 की कमाई पर 25 पैसे, गौशाला को मिलते हैं 40 लाख
झुंझुनूं: किसी भी कार्य को एक साथ मिलकर किसी तरह से पूरा किया जा सकता है इसका एक उदारहण देखने को मिलता है राजस्थान के झुंझुनू जिले में, जहां एक गौशाला को शहर के व्यापारी चलाते हैं। 78 साल पहले इस गौशाला पर आर्थिक संकट आ गया था। इस आर्थिक संकट से निकटने के लिए जिले के 156 व्यापारियों ने एक फैसला लिया था, जिसके बाद से गौशाला ठीक से चल रही है। अब इस गौशाला में करीब 1200 गायें पलती हैं।
118 साल पुरानी गौशाला में रहती हैं 1200 गाय
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक 118 साल पुरानी गौशाला है, जिसमें 1200 गाय पलती हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब आठ दशक पहले इस गौशाल पर आर्शिक संकट छा गया था। गायों के चारे और पानी की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो रहा था।
1 नवंबर 1939 को लिया गया था फैसला
उस वक्त गौशाला में करीब सवा सौ गाय थी। तभी शहर के व्यापारियों एक फैसला किया। 1 नवंबर 1939 में शहर के करीब 156 व्यापारी मिले और गौशाला के लिए अपनी कमाई के प्रत्येक सौ रुपए में से 25 पैसे गौशाला के लिए देंगे।
हर साल मिलते हैं 40 लाख रुपए
इस फैसले के बाद गौशाल की किस्मत ही बदल गई। आज भी ये नियम जारी है और गौशाला को हर साल 40 लाख रुपए मिलते हैं। 78 साल पहले व्यापारियों द्वारा लिए गए इस फैसला का सम्मान आज भी चौथी और पांचवीं पीढ़ी के लोग करते हैं।
100 रुपए की कमाई पर देते हैं 25 पैसे
जानकारी के मुताबिक झुंझुनू जिले के व्यापारी आज भी हर साल 25 पैसे प्रति 100 रुपए की आय के हिसाब से गौशाला को चंदा देते हैं। गौशाला के सचिव का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में गौशाला को 39 लाख, 84 हजार 192 रुपए प्राप्त हुए।
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