छत्तीसगढ़ में महंगी हुई बिजली, घरेलू और गैर घरेलू कनेक्शन में इतने % की बढ़ोतरी
ज़ीरो पावर कट स्टेट के नाम से पहचान रखने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में बिजली महंगी होने जा रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने इसके संबंध में विद्युत् शुल्क (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया है।
रायपुर, 26 जुलाई। ज़ीरो पावर कट स्टेट के नाम से पहचान रखने वाले राज्य छत्तीसगढ़ में बिजली महंगी होने जा रही है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने इसके संबंध में विद्युत् शुल्क (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया है। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून लागू कर दिया जाएगा। यह जानना जरुरी है कि इस कानून के माध्यम से राज्य में ऊर्जा शुल्क में 3 से 7 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है।
नए नियमो के मुताबिक घरेलू उपभोक्ता, गैर घरेलू उपभोक्ता से लेकर कई तरह के उद्योगों को उपलब्ध कराये जाने वाले बिजली शुल्क के एनर्जी चार्ज में वृद्धि की गई है। घरेलू कनेक्शन पर प्रति इकाई एनर्जी चार्ज 8 फीसदी से बढ़ाकर 11 फीसदी कर दिया गया है। इसी प्रकार गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एनर्जी चार्ज 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत किया गया है। वहीं सीमेंट इंडस्ट्रीज़ की कैप्टिव माइंस के लिए यह 15 फीसदी से बढ़ाकर फीसदी करने की व्यवस्था की गई है। गैर सीमेंट खानों में यह शुल्क 56 प्रतिशत तक तय किया गया है।
विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि यह कानून को 1996-97 में अधिसूचित किया गया था। साल 2012-13 में इसका अनुपातिकरण हुआ था । अब 10 वर्ष बाद फिर अनुपातीकरण की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि इस कानून से उपभोक्ता के बिजली बिल में मामूली बढ़ोत्तरी होगी। सीएम ने कहा, लगाया गया शुल्क सेस नहीं है।
विपक्ष ने जताई आपत्ति
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने इस विधेयक पर नाखुशी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार बिजली महंगी करने जा रही है । उन्होंने कहा, सरकार अगर टैरिफ में वृद्धि करेगी, तो इससे जनता की जेब नहीं कटेगी और महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे जनता के ऊपर भार बढ़ेगा। भाजपा नेता ने आगे कहा कि यही कार्य अगर दिल्ली की सरकार करती है, तो कांग्रेस की नजर में जनता के ऊपर भार पड़ रहा होता है। दोनों की राज्यों की मुद्रा अल हैं क्या? वही भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा, अगर वेरिएबल कास्ट पर बिजली लेते, तो सरकार को शुल्क बढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
जमीन स्थानांतरण करने का शुल्क में भी इज़ाफ़ा
सोमवार को छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के उपकर (संशोधन) विधेयक को भी बिना चर्चा के पारित करवा लिया। इसके माध्यम से अचल संपत्ति यानि जमीन-मकान के ट्रांसफर के रजिस्ट्रेशन शुल्क पर 12% सेस लगेगा। जो पूर्व में 5% था। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, सेस बढ़ने से भूमि के दाम बढ़ जाएंगे। इसका भाजपा विरोध करती हैं। बीजेपी विधायकों ने इस विधेयक पर अलग से चर्चा की मांग की। जिसके बाद विपक्ष ने वाक् आउट कर दिया।
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