जल्द चमकेगी छालीवुड की किस्मत, छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग ने बनाई नई फिल्म नीति
बॉलीवुड, हरियाणवी, पंजाबी, दक्षिण भारतीय और मराठी फिल्म इडस्ट्री की तरह अब छालीवुड फिल्म इंडस्ट्री भी राष्ट्रीय स्तर पर मुकाम हासिल करेगी।
रायपुर। बॉलीवुड, हरियाणवी, पंजाबी, दक्षिण भारतीय और मराठी फिल्म इडस्ट्री की तरह अब छालीवुड फिल्म इंडस्ट्री भी राष्ट्रीय स्तर पर मुकाम हासिल करेगी। छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग ने इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली है। विभाग ने छालीवुड को नई पहचान दिलाने के लिए फिल्म नीति तैयार की है, जिसे राज्य कैबिनेट से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। माना जा रहा है कि अगले महीने तक यह नीति लागू हो जाएगी।
20
साल
से
गुमनाम
है
छालीवुड
छत्तीसगढ़
राज्य
को
बनने
के
बीस
साल
बाद
भी
छालीवुड
गुमनाम
है।
देश
की
अन्य
फिल्म
इंडस्ट्री
के
तुलना
में
छालीवुड
काफी
पीछे
रह
गया
है।
उम्मीद
जताई
जा
रही
है
कि
नई
फिल्म
नीति
से
इसकी
किस्मत
चमक
जाएगी।
सरकार
को
भेजा
गया
मसौदा
संस्कृति
विभाग
ने
फिल्म
नीति
का
मसौदा
तैयार
कर
राज्य
सरकार
के
पास
भेज
दिया
है।
फिल्म
नीति
में
कलाकारों
को
मिलने
वाली
सुविधाओं
को
बेहतर
बनाने
पर
जोर
दिया
गया
है।
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दी
जाएगी
सब्सिडी
संस्कृति
विभाग
के
संचालक
विवेक
आचार्य
ने
कहा
कि
नई
फिल्म
नीति
में
सब्सिडी,
लोक
कलाकारों
को
बढ़ावा
देने
और
छत्तीसगढ़ी
फिल्मों
का
स्तर
सुधारने
के
अलावा
राज्य
में
फिल्म
निर्माण
के
लिए
बाहर
से
आने
वाले
लोगों
को
विशेष
सुविधाएं
देने
की
भी
योजना
है।
उन्होंने
कहा
कि
नई
नीति
के
मुताबिक
छालीवुड
को
उद्दोग
का
दर्जा
मिलेगा।
जिससे
फिल्म
निर्माण
से
जुड़े
लोगों
को
अनुमति
लेने
के
लिए
विभागों
के
चक्कर
नहीं
लगाने
पड़ेंगे।
उन्होंने
कहा
कि
छत्तीसगढ़ी
भाषा
की
फिल्में
बनाने
के
लिए
विशेष
सब्सिडी
दी
जाएगी।
कलाकारों का हो रहा रजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि कलाकारों का ग्रेड तय करने के लिए संस्कृति विभाग पंजीयकरण भी कर रहा है और अब तक 2 हजार से अधिक कलाकारों का पंजीकरण हो चुका है। ग्रेड के अनुसार ही कलाकारों का पारिश्रमिक तय होगा।
बनेंगे नए सिनेमाघर
विभाग के संचालक ने कहा कि रायपुर के अलावा अन्य शहरों में भी थिएटरों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा पुराने थिएटरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।