पंजाब न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

पंजाब चुनाव: सियासी मैदान में उतरने से पहले ही गुटबंदी का शिकार हो रही किसानों की पार्टी, जानिए कैसे ?

पंजाब के के चुनावी रण में किसानों के संगठनों ने भी गठबंधन कर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

Google Oneindia News

चंडीगढ़,21 जनवरी 2022। पंजाब के के चुनावी रण में किसानों के संगठनों ने भी गठबंधन कर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। संयुक्त समाज मोर्चा के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने गुरनाम सिंह चढ़ूनी के साथ गठबंधन कर चुनावी रण में उतर चुके हैं। वहीं संयुक्त समाज मोर्चा और कम्युनिस्ट पार्टियों के में पेंच फंस गया है। सीपीआई और सीपीआई(एमएल) के प्रत्याशियों ने संयुक्त समाज मोर्चा के सिंबल पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। कम्युनिस्ट पार्टियों के नेताओं का कहना है कि उनके उम्मीदवार (सीपीआई और सीपीआईएमएल) पार्टी सिंबल पर ही चुनाव लड़ेंगे। सीपीआई के स्टेट सेक्रेटरी बंत सिंह बरार ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए हमारे उम्मीदवार किसी दूसरी पार्टी के सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेंगे।

'अपने सिंबल पर लड़ेंगे चुनाव'

'अपने सिंबल पर लड़ेंगे चुनाव'

सीपाआईएमएल के न स्टेट कमेटी मेंबर सुखदर्शन सिंह का कहना है कि उनके मुताबिक सीटों का चयन होगा और वहां से वह अपने उम्मीदवार को चुनावी रण में उतारेंगे अगर उनकी बातों पर विचार विमर्श नहीं किया गया तो वह बिना गठबंधन के ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि बलबीर सिंह राजेवाल ने जो उम्मीदवारों की सूची जारी की है, उसमें कृष्ण चौहान का बुधलाडा से, सतवंत सिंह का नाम लेहरागा से और अमरजीत सिंह का नाम अमृतर पश्चिम से दिया गया है। ग़ौरतलब है यह उम्मीदवार सीपीआई के हैं। यही वजह है कि किसानों की पार्टी के साथ गठबंधन में पेंच फंस रहा है।

 CPI और CPI(ML) से लगातार संपर्क में राजेवाल

CPI और CPI(ML) से लगातार संपर्क में राजेवाल

पंजाब के चुनावी रण में गठबंधन कर चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा के महासचिव कंवलजील सिंह पन्नु सीपीआई और सीपीआईएमएल से लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन की वजह से अगर उम्मीदवारों को बदलने की जरूरत होगी तो उन्हें बदला भी जा सकता हैं। संयुक्त समाज मोर्चा ने बरनाला और भदौर से जिन उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है, उन्हें लेकर भी विवाद हो रहा है। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के नेता जगसिर सिंह छिनिवाल ने कहा कि ये उम्मीदवार मोर्चा के लिए योग्य नहीं हैं। सूत्रों की मानें तो वहां से उम्मीदवारों को बदला भी जा सकता है।

पंजाब में बदल सकते हैं सियासी समीकरण

पंजाब में बदल सकते हैं सियासी समीकरण

किसानों की पार्टी की एंट्री से पंजाब में सियासी समीकरण बदलने के आसार है, करीब 35 संगठनों की राय शुमारी के बाद प्रत्याशियों का चयन किया गया है। जिसमें किसान, मजदूर, व्यापारी, गायक और प्रोफेशनल्स जैसे करीब 35 संगठनों के मास्टरमाइंड की राय ली गई है। इसके साथ ही किसानों की पार्टी हर समुदाय और वर्ग के लोगों को चुनावी रण में उतार रही है। इसके साथ ही किसान आंदोलन के दौरान ग्राउंड वर्क करने वाले प्रत्याशियों को सियासी मैदान में उतारा जा रहा है। ग्राउंड वर्क से मुराद यह है कि जो भी किसान आंदोलन के दौरान अपने हलके का नेतृत्व कर रहे थे। वैसे लोगों का नाम उम्मीदवारों की सूची में प्रमुखता से डाला जा रहा है। वहीं किसान उम्मीदवारों के समर्थन के लिए किसान आंदोलन की तर्ज पर टीमों का गठन किया गया है। टीम के सद्स्यों का यही काम होगा की वह डोर डू डोर अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे।


ये भी पढ़ें: पंजाब: 55 सालों से मालवा क्षेत्र से ही बनते आ रहे हैं मुख्यमंत्री, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह ?

Comments
English summary
farmers party is becoming a victim of factionalism before political battle
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X