पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले BJP को बड़ा झटका, BSP में शामिल हुए कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता
भाजपा पंजाब के कार्यकारिणी सदस्य और रोपड़ जिला प्रभारी सुशील शर्मा पिंकी ने सैकड़ों साथियों के साथ बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा। जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि पार्टी में शामिल हुए नेताओं को उचित सम्मान दिया जाएगा।
चंडीगढ़, सिंतबर 15, 2021। पंजाब विधानसभा चुनाव के दिन नज़दीक आ रहे हैं। सभी सियासी पार्टियां चुनावी रण में उतरने के लिए तैयारियों में जुट चुकी हैं। वहीं नेताओं का दल बदलने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इसी कड़ी पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा पंजाब के कार्यकारिणी सदस्य और रोपड़ जिला प्रभारी सुशील शर्मा पिंकी ने सैकड़ों साथियों के साथ बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा। वहीं वन इंडिया हिंदी से बात करते हुए बहुजन समाज पार्टी पंजाब के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि पार्टी में शामिल हुए नेताओं को उचित सम्मान दिया जाएगा।
'पूर्ण
बहुमत
से
सत्ता
में
आना
प्राथमिकता'
पंजाब
बहुजन
समाज
पार्टी
के
अध्यक्ष
जसवीर
सिंह
गढ़ी
ने
कहा
कि
हमारी
पहली
प्राथमिकता
है
गठबंधन
को
पूर्ण
बहुमत
के
साथ
सत्ता
में
लाना।
सत्ता
में
भागीदारी
की
दिशा
निर्देश
बहन
मायावती
तय
करेंगी।
उन्होंने
कहा
कि
ऐसा
नहीं
है
कि
पंजाब
में
हम
कभी
ताकत
नहीं
बन
पाए।
1992
के
विधानसभा
चुनाव
के
नतीजे
देखिए,
राज्य
में
हम
दूसरी
सबसे
बड़ी
पार्टी
थे।
शिरोमणि
अकाली
अकाली
दल
और
भारतीय
जनता
पार्टी
हमसे
पीछे
थी।
1996
लोकसभा
चुनाव
के
लिए
शिरोमणि
अकाली
दल
ने
हमारे
साथ
गठबंधन
किया।
तब
हमारे
मोर्चे
ने
राज्य
की
13
में
से
11
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
थी,
बाद
में
पंजाब
के
राजनीतिक
समीकरण
बदल
गए।
दो
मजबूत
गठबंधन
बनने
की
वजह
से
बहुजन
समाज
पार्टी
कमजोर
पड़
गई
क्योंकि
वह
किसी
भी
अलायंस
का
हिस्सा
नहीं
थी।
'सोच
समझकर
हुआ
है
गठबंधन'
जसवीर
सिंह
गढ़ी
ने
कहा
कि
पंजाब
में
बहुजन
समाज
पार्टी
और
शिरोमणि
अकाली
दल
गठबंधन
को
कामयाबी
ज़रूर
मिलेगी।
क्योंकि
हमने
न
तो
किसी
को
धोखा
देते
हैं,
न
ही
किसी
से
धोखे
की
उम्मीद
करते
हैं।
पंजाब
में
शिरमणि
अकाली
दल
और
बहुजन
समाज
पार्टी
का
गठबंधन
काफ़ी
सोच
समझकर
हुआ
है।
वोटों
की
अदला
बदली
को
लेकर
दोनों
ही
सियासी
दलों
में
कोई
शक
नहीं
है।
लोकसभा
चुनाव
1996
में
भी
वोटों
की
अदला
बदली
से
हम
लोगों
ने
13
में
से
11
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
थी।
उन्होंने
कहा
कि
बहुजन
समाज
पार्टी
और
उसकी
नेता
मायावती
हर
उस
जमात
के
साथ
खड़ीं
हैं,
जिनके
साथ
नाइंसाफ़ी
हुई
है।
यूपी
में
ब्राह्मणों
के
साथ
बहुत
अन्याय
हो
रहा
है।
किसान
बिल
के
जरिए
बीजेपी
किसानों
के
हक
पर
डाका
डाल
रही
है
तो
बीएसपी
किसानों
के
साथ
भी
है।
पंजाब चुनाव: शिरोमणि अकाली दल ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट की जारी, 64 नाम हैं शामिल
'यूपी
और
पंजाब
की
सियासत
में
है
फ़र्क़'
जसवीर
सिंह
गढ़ी
ने
कहा
कि
यूपी
और
पंजाब
के
फर्क
को
समझना
होगा।
एक
दौर
था
जब
यूपी
में
कांग्रेस
को
बोल
बाला
था।
लेकिन
कांग्रेस
के
मुक़ाबले
से
बाहर
होने
के
बाद
सभी
सियासी
दलों
के
बीच
बराबरी
का
मुकाबला
था।
यूपी
में
बीएसपी
के
सामने
पंजाब
की
तरह
कोई
गठबंधन
नहीं
था।
राज्य
के
लोगों
ने
कांग्रेस
के
हाशिए
पर
जाने
के
बाद
बहुजन
समाज
पार्टी
को
विकल्प
के
तौर
कबूल
किया
कर
लिया
था।
पंजाब
में
भी
शिअद
और
बीएसपी
गठबंधन
सत्ता
में
आएगी।
97
पर
SAD
और
20
पर
BSP
लड़ेगी
चुनाव
पंजाब
में
कई
अरसे
बाद
शिरोमणि
अकाली
दल
और
बहुजन
समाज
पार्टी
एक
साथ
चुनाव
लड़
रही
है।
117
सीटों
वाली
विधानसभा
में
97
पर
शिरोमणि
अकाली
दल
और
20
सीटों
पर
बहुजन
समाज
पर्टी
चुनाव
लड़ेगी।
ग़ौरतलब
है
कि
पंजाब
में
सबसे
ज़्यादा
दलित
आबादी
है।
दलित
पॉलिटिक्स
को
धार
देने
वाले
कांशीराम
की
जन्मस्थली
भी
पंजाब
ही
है।
फिर
भी
बहुजन
समाज
पार्टी
पंजाब
में
वैसी
ताकत
नहीं
बन
पाई,
जैसी
यूपी
में
बनी।
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