पंजाब चुनाव: कांग्रेस और SAD में छिड़ी ज़ुबानी जंग, सिद्धू के आरोपों पर चीमा ने किया पलटवार, कही ये बात
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सिद्धू पुराने मुददों को उठाकर लोगों को बेवकूफ़ बनाने की बजाय, 2017 में उनकी सरकार द्वारा एपीएमसी अधिनियम में किए गए संशोधनों को रद्द करने की हिम्मत जुटाएं।
चंडीगढ़,
सितंबर
16,
2021।
पंजाब
चुनाव
के
दिन
जैसे-जैसे
नज़दीक
आते
जा
रहे
हैं
वैसे-वैसे
सियासी
दलों
का
एक
दूसरे
पर
आरोप-प्रत्यारोप
भी
शुरू
हो
चुका
है।
इसी
कड़ी
में
कांग्रेस
और
शिरोमणि
अकाली
दल
में
ज़ुबानी
जंग
छिड़
गई
है
दोनों
पार्टी
के
नेता
एक
दूसरे
के
ख़िलाफ़
बयानबाज़ी
कर
रहे
हैं।
पंजाब
कांग्रेस
अध्याक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
हमले
के
बाद
शिरोमणि
अकाली
दल
ने
भी
उनके
आरोपों
पर
पलटवार
किया
है।
शिरोमणि
अकाली
दल
के
प्रवक्ता
डा.
दलजीत
सिंह
चीमा
ने
कहा
कि
सिद्धू
पुराने
मुददों
को
उठाकर
लोगों
को
बेवकूफ़
बनाने
की
बजाय,
2017
में
उनकी
सरकार
द्वारा
एपीएमसी
अधिनियम
में
किए
गए
संशोधनों
को
रद्द
करने
की
हिम्मत
जुटाएं।
कृषि
अधिनियमों
को
रद्द
करवाने
की
सिद्धू
की
कोई
मंशा
नहीं
है-
दलजीत
सिंह
चीमा
शिरोमणि
अकाली
दल
के
प्रवक्ता
डा.
दलजीत
सिंह
चीमा
ने
कहा
कि
नवजोत
सिंह
सिद्धू
के
बयाने
से
ये
ज़ाहिर
हो
रहा
है
कि
कृषि
अधिनियमों
को
रद्द
करवाने
की
उनकी
कोई
मंशा
नहीं
है।
वह
सिर्फ़
सियासी
स्टंट
कर
रहे
हैं।
वह
ख़ुद
को
किसानों
के
हमदर्द
के
तौर
दिखाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
पिछले
एक
साल
से
उन्होंने
किसानों
के
मुददे
पर
समर्थन
के
लिए
कुछ
भी
नही
किया
है।
उन्होंने
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
को
सलाह
देते
हुए
कहा
कि
सोच
समझकर
काम
करें।
विचित्र
दावे
करके
पंजाबियों
की
बुद्धिमता
का
अपमान
नहीं
करें।
सिद्धू
अब
सिर्फ़
चुनावों
को
देखते
हुए
अपनी
नाकामयाबी
को
छुपाने
के
लिए
इस
मुददे
को
उठा
रहे
हैं।
डा.
चीमा
ने
कहा
कि
नवजोत
सिद्धू
बस
गांधी
परिवार
के
साथ
मिलीभगत
कर
घड़ियाली
आंसू
बहा
रहे
हैं।
पंजाब: AAP में बग़ावती सुर तेज़ होने के साथ ही हुई फंड की कमी, पार्टी ने इस तरह निकाला तोड़
कृषि
क़ानूनों
को
लेकर
शिरोमणि
अकाली
दल
पर
सिद्धू
का
हमला
आपको
बता
दें
कि
पंजाब
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
ने
शिरोमणी
अकाली
दल
पर
कृषि
क़ानूनों
को
लेकर
ज़ुबानी
हमला
बोला
है।
नवजोत
सिंह
सिद्धू
ने
कहा
कि
केंद्र
सरकार
की
तरफ़
से
बनाए
गए
तीन
काले
कानूनों
को
बनाए
जाने
के
पीछे
अकाली
दल
का
हाथ
रहा
है।
सिद्धू
ने
कहा
कि
ये
कानून
जब
बनाए
गए
थे,
तब
अकाली
दल
भी
केंद्र
सरकार
का
हिस्सा
था
और
उसने
इस
पर
सहमति
जताई
थी।
उन्होंने
कहा
कि
पूर्व
सीएम
प्रकाश
सिंह
बादल
ने
2013
में
कॉन्ट्रैक्ट
फार्मिंग
को
लेकर
बिल
पेश
किया
था।
शिरोमणि
अकाली
दल
इन
तीनों
ही
कृषि
कानूनों
के
लिए
ज़िम्मेदार
है।
इन
कानूनों
में
किसानों
के
लिए
एमएसपी
की
गारंटी
का
ज़िक्र
कहीं
भी
नहीं
किया
गया
है।
शिरोमणि
अकाली
दल
के
बिल
के
आधार
पर
बना
कृषि
क़ानून-
सिद्धू
पंजाब
कांग्रेस
अध्यक्ष
नवजोत
सिंह
सिद्धू
ने
कहा
कि
इन
काले
कानूनों
बनाने
के
वक़्त
शिरोमणि
अकाली
दल
भी
मोदी
सरकार
का
हिस्सा
थी।
पंजाब
में
बादल
सरकार
ने
ही
कानून
बनाया
था
कि
अगर
कोई
किसान
लोन
देने
से
चूकता
है
तो
उसे
5
हज़ार
रुपये
से
लेकर
5
लाख
तक
का
जुर्माना
देना
होगा।
नवजोत
सिंह
सिद्धू
ने
दावा
किया
कि
बादल
परिवार
ने
अपनी
सरकार
के
दौरान
जो
बिल
पेश
किए
थे,
उनकी
तर्ज़
पर
ही
केंद्र
सरकार
की
तरफ़
से
तीन
कृषि
कानून
बनाए
गए
हैं।
ये
भी
पढ़ें:
पंजाब
चुनाव:
विधायकों
की
चिट्ठी
ने
फिर
बढ़ाई
कैप्टन
की
टेंशन,
विधायक
दल
की
बैठक
बुलाने
की
मांग