प्रतापगढ़: ADG के सामने दरोगा से नहीं चली पिस्टल, हाथ ऊपर कर करनी पड़ी परेड
प्रतापगढ़। एडीजी प्रेम प्रकाश रविवार को उत्तर प्रदेश के जिले प्रतापगढ़ जिले में निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान एजीडी प्रेम प्रकाश ने मानधाता थाने में तैनात आठ दरोगाओं से पिस्टल खोलने को कहा। तो छह दरोगा पिस्टल नहीं खोल सके। हालांकि कई प्रयास में अन्य तो पिस्टल खोल लिए, लेकिन शहंशाह नामक दरोगा पिस्टल नहीं खोल सके। इस पर एडीजी को गुस्सा आ गया और उन्होंने दरोगा शहंशाह को पोर्टिको से थाना गेट तक दौड़ लगवाई। अब इस पूरे वाकया का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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ADG
ने
थानेदारों
को
लगाई
फटकार
एडीजी
प्रेम
प्रकाश
ने
प्रतापगढ़
जिले
में
स्थित
पुलिस
लाइन
के
बेल्हा
हॉल
में
थानेवार
अपराधों
की
समीक्षा
की।
एडीजी
का
पारा
उस
समय
चढ़
गया,
जब
उन्होंने
पाया
कि
आधा
दर्जन
थाने
में
उन
बदमाशों
को
टॉपटेन
की
सूची
में
रखा
गया
है,
जिन
पर
सिर्फ
एक-दो
मुकदमे
हैं।
इस
पर
एडीजी
ने
संबंधित
थानेदारों
को
जमकर
फटकार
लगाई।
कहा
कि
मजाक
बना
रखा
है,
उन्होंने
तत्काल
टॉप
टेन
की
सूची
बदलने
को
कहा।
कुछ
थानेदारों
को
अपने
थाने
के
गैंगस्टर
के
बारे
ही
नहीं
पता
था,
उन्हें
भी
एडीजी
ने
फटकारा।
करीब
साढ़े
तीन
घंटे
चली
बैठक
में
एडीजी
ने
कहा
कि
इनामी
अपराधियों
को
भी
टॉप
टेन
की
सूची
में
शामिल
करें।
जो
भी
टॉप
टेन
के
अपराधी
जेल
के
बाहर
है,
उनकी
तत्काल
गिरफ्तारी
करें।
सक्रिय
बदमाशों
की
गैंग
पंजीकृत
करने,
उनकी
हिस्ट्रीशीट
खोलने
व
गैंगस्टर
की
कार्रवाई
करने
का
निर्देश
दिया।
चर्चा
का
विषय
बना
ADG
का
फरमान
वहीं,
एडीजी
की
सजा
का
फरमान
इलाके
में
चर्चा
का
विषय
बन
गया
है।
इस
वीडियो
को
लोग
तेज़ी
से
शोसल
मीडिया
पर
वायरल
कर
रहे
हैं।
दरअसल,
यह
पूरा
वाक्या
एडीजी
प्रेम
प्रकाश
के
मांधाता
थाने
के
औचक
निरीक्षण
के
दौरान
हुआ
है।
एडीजी
प्रेम
प्रकाश
मान्धाता
थाने
का
निरीक्षण
करने
एसपी
के
साथ
पहुंचे
थे।
पहले
थाने
का
निरीक्षण
किया
गया
और
बेहतर
साफ-सफाई
का
निर्देश
दिया
गया।
जिसके
बाद
वहां
मौजूद
दारोगा
और
सिपाहियों
से
असलहा
से
मैगजीन
निकालने
के
लिए
बोला
गया।
लेकिन
दारोगा
शहंशाह
के
पिस्टल
की
मैगजीन
फस
गई,
जिसके
बाद
एडीजी
ने
दरोगा
की
लापरवाही
मानते
हुए
सजा
दी।
अखिर
क्यों
खफा
हुए
ADG
दरअसल,
विकास
दुबे
प्रकरण
के
बाद
यूपी
पुलिस
एक्शन
में
है।
हर
जिले
में
ताबड़तोड
एनकाउंटर
और
बदमाशों
की
धर-पकड़
जारी
है।
ऐसे
में
पुलिसकर्मी
को
अपने
आत्मरक्षा
हेतु
कभी
भी
फायरिंग
करनी
पड़
सकती
है।
ऐसे
में
सबसे
बड़ा
सवाल
यह
है
कि
जब
पुलिस
के
सब
इंस्पेक्टर
अपने
पिस्टल
से
गोली
लोड
और
उसे
चला
भी
नहीं
पाएंगे
तो
कैसे
कुख्यात
बदमाशों
से
लोहा
लेंगे।
इसी
कारण
एडीजी
को
गुस्सा
आया
और
थाने
में
सभी
पुलिसकर्मियों
के
सामने
सज़ा
सुनाते
हुए
दारोगा
की
दौड़
लगवाई।
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