'मैथिली मखान' ने बिहार को दिलाया पहला राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड
पटना। बिहार की क्षेत्रीय भाषा में बनने वाली फिल्मों को भी राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड मिल सकता है, यह साबित करके दिखाया है, अभिनेत्री नीतू चंद्रा द्वारा निर्मित एवं निर्मित समरा द्वारा निर्देशित मिथिला मखान ने।
मिथिलांचल की संस्कृति पर बनी इस फिल्म को, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है। बिहार की क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्म निर्माण के लगभग 65 वर्षों के इतिहास में इससे पहले किसी फिल्म को या गौरव प्राप्त नहीं हुआ था।
फिल्म की कहानी मिथिला संस्कृति एवं बिहार के पलायन तथा पुनः बिहार में लौटने के सिलसिले पर आधारित है। फिल्म की खासियत यह है कि इसमें काम करने वाले सभी कलाकार मिथिला वासी हैं। फिलहाल बिहार में मुख्य रूप से दो क्षेत्रीय भाषाओं भोजपुरी एवं मैथिली में फिल्मों का निर्माण हो रहा है। हलांकि एक फिल्म हिंदी भाषा में भी बनकर रिलीज हो चुकी है जिसका नाम 'कल हमारा है' है।
मैथिली भाषा में बनने वाली फिल्मों का इतिहास 50 वर्षों का है। फिल्म 'मिथिला मखान' मैथिली फिल्म के 50 वर्ष को लेकर समर्पित है। इस फिल्म की शूटिंग मिथिलांचल के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा टोरंटो, स्वीटजरलैंड एवं नेपाल में हुई है।
फिल्म में क्रांति प्रकाश झा ने अभिनेता तथा अनुरिता झा ने अभिनेत्री का किरदार निभाया है। इसके अलावा पंकजा गोपाल पाठक एवं प्रेमलता भी भूमिका में हैं।
इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर के फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम ने कहा कि बिहार के क्षेत्रीय भाषा में बनी फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड मिलना सिर्फ मिथिला ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है।