अमेरिकी जनरल ने बताया कैसे अफगान बॉर्डर पर चुपचाप तालिबान आतंकियों की मदद कर रहा है पाकिस्तान
आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान, अमेरिका और पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल जोसेफ एल वोटल ने बताया है कि अमेरिका की ओर से बनाए जा रहे दबाव के बावजूद पाकिस्तान, अफगानिस्तान से सटे अपने इलाकों में तालिबानी आतंकियों को समर्थन दे रहा है।
वॉशिंगटन। आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर पाकिस्तान, अमेरिका और पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल जोसेफ एल वोटल ने इस हफ्ते अमेरिकी कांग्रेस में दिए अपने बयान में बताया है कि कैसे लगातार अमेरिका की ओर से बनाए जा रहे दबाव के बावजूद पाकिस्तान अफगानिस्तान से सटे अपने इलाकों में तालिबानी आतंकियों को समर्थन देना जारी रखे है। जनरल वोटल ने अमेरिकी कांग्रेस में दिए अपने बयान में यह भी बताया है कि पाकिस्तान कब तक इसी तरह से अपना रवैया आतंकवाद पर बरकरार रखेगा।
सुधार हुआ है आतंकियों को मदद जारी
सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी में पाकिस्तान पर सुनवाई हो रही थी। इस सुनवाई के दौरान जनरल वोटल से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान, अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अपना समर्थन जारी रखेगा? इस पर जनरल वोटल ने कहा अमेरिकी दबाव के बाद पाकिस्तान के बर्ताव में सुधार हुआ है और कुछ सकारात्मक संकेत भी मिले हैं। लेकिन वहीं जब उनसे पाकिस्तान की ओर से मिल रहे समर्थन से जुड़ा एक सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि जिन इलाकों में अमेरिका काम कर रहा है वहां पर कुछ बदलाव देखने को मिले हैं।
तालिबानी आतंकियों को सुरक्षा दे रही आईएसआई
जनरल वोटल ने आगे कहा, 'मैं आपको नहीं बता सकता कि जहां अमेरिका काम कर रहा है वहां पर किस तरह के बदलाव हैं लेकिन मैं लगातार पाकिस्तान के साथ संपर्क में हूं कि वह इस तरह से आगे बढ़ता रहे।' जब उनसे पूछा गया कि अफगानिस्तान में हाल के समय में तालिबान के आतंकी हमलों में इजाफा हुआ तो क्या इसके पीछे पाकिस्तान का समर्थन है? इस पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकियों का गढ़ और यहां पर आतंकी संगठनों की मौजूदगी निश्चित तौर पर तालिबान को मिल रही सफलता के लिए जिम्मेदार है। अफगान बॉर्डर के पास मौजूद इंटेलीजेंस सूत्रों की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई बॉर्डर इलाकों में तालिबान को गुप्त तरीके से अपना समर्थन जारी रखे है। सूत्रों ने बताया है कि आईएसआई, क्वेटा और अफगान बॉर्डर के बीच तालिबान को न सिर्फ सुरक्षा प्रदान कर रही है बल्कि उसे संसाधनों की भी मदद पहुंचा रही है।