लाखों डॉलर की लालच में मुशर्रफ ने अमेरिका के हाथों बेच डाला 4,000 पाकिस्तानियों को!
पाकिस्तान के एक रिटायर्ड जज ने पूर्व तानाशाह और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस जज ने दावा किया है कि मुशर्रफ ने डॉलर के लालच में कई पाक नागरिकों को अमेरिका जैसे विदेशी देशों के हाथों बेच दिया था।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक रिटायर्ड जज ने पूर्व तानाशाह और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस जज ने दावा किया है कि मुशर्रफ ने डॉलर के लालच में कई पाक नागरिकों को अमेरिका जैसे विदेशी देशों के हाथों बेच दिया था। पाक के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। इन जज का नाम जावेद इकबाल है और उन्होंने मुशर्रफ पर यह आरोप पाक की मानवाधिकारी पर बनाई गई संसदीय समिति के सामने लगाए हैं।
पूर्व जज ने लगाए हैं गंभीर आरोप
पूर्व जज इकबाल उस कमीशन के हेड रह चुके हैं जो गायब हुए लोगों की तलाश के लिए बनाया गया था। इसके अलावा वह नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) के भी प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने संसदीय समिति के सामने कहा कि मुशर्रफ ने करीब 4,000 पाक नागरिकों को अमेरिका के हाथों बेचा और हजारों डॉलर के बदले हुए इस एक्सचेंज को काफी गुपचुप तरीके से पूरा किया गया। इकबाल की ओर से यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान में एक बड़ा आंदोलन पश्तून तहाफुज मूवमेंट (पीटीएम) चल रहा है।
अलग-अलग जगहों से गायब हुए कई लोग
पीटीएम की बड़ी मांगों में सबसे बड़ी मांग यही है कि खैबर पख्तूनख्वा और फाटा प्रांत के अलग-अलग हिस्सों से गायब हुए हजारों लोगों का पता लगाया जाए या फिर यह बताया जाए के उनका क्या हुआ है। पाकिस्तान की सरकार और सैन्य संस्थानों के लिए गायब हुए लोगों केस भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है। पाकिस्तान सेना को बलूचिस्तान में खासे विरोध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यहां पर गायब होते लोगों का मुद्दा अब उसके लिए सिरदर्द बन चुका है। जावेद इकबाल ने मुशर्रफ के इस काम को गैरकानूनी करार देते हुए इस मामले की जांच का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने समिति के सामने सवाल किया कि कानून और संविधान को ताकत पर रखकर मुशर्रफ कैसे चोरी-छिपे दूसरे देशों के हाथ पाक नागरिकों को बेच सकते हैं।
सेना और आईएसआई शक के घेरे में
दिलचस्प बात है कि मुशर्रफ के एक्शन पर उस समय की सरकार में मौजूद किसी भी सांसद ने कोई सवाल नहीं उठाया था। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई वर्षों से गायब हुए लोगों से जुड़े कई केस पड़े हुए हैं। कई दशकों से पाक की अदालतों में इन केसों को या तो नजरअंदाज किया जा रहा है या फिर टाल दिया जाता है क्योंकि इनके सामने आने से आईएसआई या सेना जैसी संस्थानों पर गंभीर सवाल उठने लगते हैं। हालांकि इकबाल ने यह भी कहा कि बलूचिस्तान जैसे प्रांतों में गायब हुए लोगों की संख्या को हमेशा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है।
मुद्दे ने बाकी लोगों का ध्यान किया आकर्षित
पाक में गायब होते लोगों के मु्द्दे ने अब बाकी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया है। जब से पीटीएम शुरू हुआ लोग हमेशा इसके बारे में बातें करने लगे हैं। लोगों ने अब इस दिशा में कड़ी कार्रवाई और ज्यादा जानकारी की मांग की है। इसके अलावा पीटीएम के जरिए पश्तूनों के लिए समान अधिकारों की भी बातें होने लगी हैं। पीटीएम से जुड़े लोगों को भी डर है कि हो सकता है मुशर्रफ ने उनके अपनों को भी अमेरिका के हाथों बेच दिया हो।
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