लादेन के बाद अब पाकिस्तान के कराची में मिली है अल कायदा के एक और चीफ जवाहिरी को शरण
अमेरिका की मैगजीन न्यूजवीक की रिपोर्ट में दावा पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई ने कराची में दी है शरण। पिछले वर्ष अफगानिस्तान बॉर्डर पर ड्रोन हमले में बच गया था जवाहिरी।
वॉशिंगटन। अमेरिका की लीडिंग मैगजीन न्यूजवीक ने दावा किया है कि पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई ने कराची में अल कायदा के चीफ अयमान अल-जवाहिरी को छिपाकर रखा है। न्यूजवीक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है और कहा है कि वह पिछले वर्ष अफगानिस्तान बॉर्डर पर हुए एक ड्रोन हमले में सुरक्षित बच गया था।
कराची छिपने के लिए सबसे सही जगह
इजिप्ट में जन्मा जवाहिरी जो कि एक प्रशिक्षित सर्जन है, उसे आईएसआई वर्ष 2001 से तब से सुरक्षा दे रही है जब अमेरिकी सेनाओं ने अफगानिस्तान से अल-कायदा का नामों-निशान मिटा दिया था। न्यूजवीक ने कई अथॉरिटीज के सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट लिखी है। सूत्रों का कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि जवाहिरी कराची में है। सीआईए वेटरन ब्रूस रिडिल ने कहा है कि उसकी लोकेशन के बारे में सारी बातें मालूम है और यह कोई सकारात्मक बात नहीं है। रिडिल चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को साउथ एशिया और मिडिल ईस्ट से जुड़े मसलों के टॉप एडवाइजर थे। उन्होंने कहा है कि इस बात से जुड़े काफी संदेश हैं, जिनमें एबट्टाबाद से मिला कुछ मैटेरियल भी शामिल है, जो इसी दिशा की ओर इशारे करते हैं। उनका कहना है कि यह जवाहिरी के छिपने के लिए काफी अच्छी जगह है। यहां पर वह काफी आरामदायक महसूस कर सकता है कि अमेरिकी उस तक नहीं पहुंच सकते हैं और उसे कभी पकड़ नहीं पाएंगे। जवाहिरी को कराची इसलिए सुरक्षित स्थान लगता है क्योंकि यहां पर अमेरिका के लिए ओसामा बिन लादेन को मारने वाले कमांडो कार्रवाई करना आसान नहीं होगा। वह कहते हैं कि एबट्टाबाद की तरह 26 मिलियन लोगों की आबादी वाला कराची शहर एक बड़ा न्यूक्लियर कॉम्प्लेक्स भी है। यहां पर नेवी और एयरफोर्स के कई बेस हैं जिसकी वजह से कई तरह के मुश्किलें अमेरिका को हो सकती हैं।
जनवरी 2016 में अमेरिका ने किया हमला
जनवरी 2016 के पहले हफ्ते में ओबामा प्रशासन की ओर से पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में शहवाल घाटी में जवाहिरी को निशाना बनाने के लिए एक ड्रोन हमला किया था। इस इलाके में मौजूद आतंकियों के एक सरगना ने जानकारी दी है कि जवाहिरी बच गया लेकिन उसके छह बॉडीगार्ड्स मारे गए थे। इस ड्रोन ने ठीक उस कमरे के बगल वाले कमरे में हमला किया जहां पर जवाहिरी रुका था। कमरे से लगी हुई दिवार गिर गई थी और विस्फोट के बाद मलबा उस पर गिर गिया था। जवाहिरी का चश्मा टूट गया था लेकिन वह बच गया। जब अमेरिका का हमला हुआ तो जवाहिरी उससे बस 10 मिनट पहले ही उस कमरे से निकल गया था। इस आतंकी ने यह भी बताया कि उस समय जवाहिरी ने कसम खाई थी कि वह कभी भी जिंदा नहीं पकड़ा जाएगा। वह अब अमेरिका पर एक और बड़ा हमला होते देखना चाहता है।