भारत को दरकिनार कर ग्वादर पोर्ट पर चीन की नई तैयारी, तैनात होंगे जहाजों के स्पेशल स्क्वाड्रन
भारत इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर करता रहा है।
नई दिल्ली। चीन, पाकिस्तानी की जल सेना की मदद से बलूचिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट पर अपनी नौसैनिक पोते तैनात करेगा। पाक की तैयारी है कि वो चीन और तुर्की से तेज पोते खरीदेगा।
इसकी मदद से वो ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा करेगा। यह जानकारी पाक के ही अंग्रेजी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून को पाकिस्तानी जल सेना के ही अधिकारी ने दी है।
अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान, ग्वादर पोर्ट पर स्पेशल स्क्वाड्रन तैनात करेगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक स्क्वाड्रन में करीब 4 से 6 वारशिप शामिल होंगे।
दो वार शिप ग्वादर में पहले ही तैनात
अधिकारी ने यह भी बताया कि ये सुपर फास्ट पोतें 'जल्द ही लायी जाएंगी' साथ ही दो वार शिप पहले ही ग्वादर में तैनात की जा चुकी हैं।
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अधिकारी ने का कहना है कि 46 बिलियन डॉलर की चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (सी-पेक) योजना को सुरक्षित रखने के लिए पाकिस्तानी जल सेना अपनी क्षमता बढ़ा रही है।
भारत जाहिर करता रहा है चिंता
वहीं ग्वादर पोर्ट पर चीनी नौसेना के दखल पर भारत लगातार अपनी चिंता जाहिर करता रहा है। ग्वादर पोर्ट सी-पेक योजना का केंद्र है।
अखबार ने एक अन्य अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ग्वादर में क्षेत्र का सबसे बड़ा शिपयार्ड बनाना चाहता है। कराची स्थित पोर्ट कासिम में एक छोटे जहाज के निर्माण का प्रोजेक्ट लगाने का काम शुरू किया जा सकता है।
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सेना की जरूरतें नहीं हो सकती पूरी
अधिकारी ने अखबार को यह भी बताया कि पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कॉर्पोरेशन, सेना की नई जरूरतों को पूरा करने में अक्षम है। तुर्की की मदद से यह कॉर्पोरेशन बड़े फ्लीट टैंकर बनाएगा।
गौरतलब है कि पश्चिमी एशिया और अफ्रीका के बाजार में अपनी हालत बेहतर करने के लिए बीते 13 नवंबर को चीनी माल की पहली खेप ग्वादर बंदरगाह पहुंची थी।
पाक का यह पोर्ट चीन के लिए खास है। चीन ने अपना फायदा देखते हुए ग्वादर पोर्ट को विकसित करने के लिए पाक की मदद की है।
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