ब्रिटिश विदेश सचिव ने क्यों की इस्लामाबाद में कश्मीर पर बात
ब्रिटेन के विदेश सचिव बोरिस जॉनसन ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में उठाया कश्मीर का मुद्दा। कहा तनाव को खत्म करें भारत और पाकिस्तान।
इस्लामाबाद। ब्रिटेन के विदेश सचिव बोरिस जॉनसन गुरुवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में थे। यहां पर उन्होंने कई अहम पहलुओं पर चर्चा के बीच ही कश्मीर का भी जिक्र किया। जॉनसन ने कहा भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव साउथ एशिया को एक बारूद के ढेर में तब्दील कर रहा है।
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भारत पाक हल करें विवाद
जॉनसन के मुताबिक वह पहली बार पाकिस्तान आए हैं। उनका बयान पाक की ओर से किए गए उस दावे के बाद आया था जिसमें पाक ने आरोप लगाया था कि इंडियन आर्मी की ओर से हुइ्र फायरिंग में उसके नौ नागरिकों की मौत हो गई है। जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भारत और पाकिस्तान के ऊपर है कि दोनों किस तरह से 70 वर्ष पुराने इस विवाद को हल करते हैं।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि कश्मीर विवाद की वजह से सीमा के दोनों तरफ पर लोगों की मौत हो रही है। उन्होंने दोनों पक्षों को संयम बरतने की सलाह भी दी।
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दोनों देशों को हो रहा है नुकसान
उन्होंने कहा कि इस तनाव की वजह से भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान पहुंच रहा है।
जॉनसन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के नागरिक काफी काबिल हैं लेकिन उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है।
सिंतबर में हुए उरी आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाक के बीच तनाव नए स्तर पर है। 29 सितंबर को भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की और इसके बाद से ही लगातार युद्धविराम का उल्लंघन हो रहा है।
आपको बता दें कि अगले वर्ष ब्रिटेन की प्राइम मिनिस्टर थेरेसा मे पाकिस्तान का दौरा करने वाली हैं।
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पूर्व विदेश और पीएम ने क्या कहा कश्मीर पर
इससे पहले जब ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव फीलिप हैमंड मार्च में पाकिस्तान गए थे तो उन्होंने कश्मीर को लेकर एक अहम बयान दिया था।
उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के दौरान कश्मीर मुद्दे पर शर्त के साथ वार्ता हो। उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए कश्मीर मुद्दे का समाधान पूर्व शर्त नहीं होना चाहिए।
वहीं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी भारत आने से पहले कश्मीर पर एक अहम बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कश्मीर पर यूनाइटेड किंगडम (यूके) के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आज भी यूके कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच का आपसी मसला मानता है और दोनों देशों को ही करना होगा।