हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ इस्लामाबाद पहुंचे इमरान खान
इस्लामाबाद।
पाकिस्तान
में
प्रधानमंत्री
नवाज
शरीफ
और
उनकी
सरकार
के
खिलाफ
विरोध
प्रदर्शन
तेज
हो
गया
है।
प्रदर्शनकारी
इस्लामाबाद
तक
पहुंच
गए
हैं।
पाकिस्तान
के
प्रधानमंत्री
नवाज
शरीफ
को
सत्ता
से
बेदखल
करने
का
लक्ष्य
लेकर
सरकार
विरोधी
हजारों
प्रदर्शनकारी
विपक्षी
नेता
इमरान
खान
के
नेतृत्व
में
इस्लामाबाद
पहुंचे।
क्रिकेटर से नेता बने खान और कनाडा निवासी धार्मिक नेता ताहिर उल कादरी के नेतृत्व में विपक्षी समूह शरीफ पर दोबारा चुनाव कराने का दबाव बनाने के लिए राजधानी में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ये विरोध प्रदर्शन ऐसे समय पर हो रहे हैं, जब शरीफ की भारी जीत को एक साल से कुछ ही समय ज्यादा हुआ है। प्रदर्शनकारी लाहौर से 35 घंटे में 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर यहां पहुंचे हैं।
सुबह के वक्त बारिश में हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने शनिवार दोपहर तीन बजे से शरीफ के सत्ता से हटने तक धरना देने की घोषणा की।
खान ने अपने समर्थकों से कहा कि मैं लोकतंत्र को पटरी से नहीं उतार रहा हूं, क्योंकि देश में लोकतंत्र है ही नहीं। जब तक नवाज शरीफ इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी इन्हीं भावनाओं को दोहराते हुए जाओ नवाज जाओ के नारे लगाए।
खबर-पख्तूनख्वा प्रांत में उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री परवेज खट्टक के अनुसार, खान को तेज बुखार था। उन्होंने कार्यकर्ताओं से खान के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करने के लिए कहा। कादरी के क्रांति मार्च के हजारों समर्थक भी इस्लामाबाद में एक अलग आयोजन स्थल पर पहुंच गए।
कादरी के प्रवक्ता काजी फैज ने कहा कि धार्मिक नेता का गला खराब है लेकिन वे कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। खान और कादरी ने पहले यह योजना बनाई थी कि शरीफ को सत्ता से बेदखल करने के लिए वे एक संयुक्त रैली निकालेंगे, लेकिन बाद में दोनों के बीच मतभेद उभर आए।
सरकार को उम्मीद है कि मार्च करने वाले लोग शांतिपूर्ण ढंग से बिखर जाएंगे, क्योंकि खान और कादरी की कुछ मांगों को मानने के लिए पिछले दरवाजे से किए जाने वाले प्रयास पहले ही जारी हैं। खान और कादरी पिछले साल हुए चुनावों में हुई कथित धोखाधड़ी के खिलाफ अब अलग-अलग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
खान ने अपने आजादी मार्च की शुरुआत लाहौर स्थित जामन पार्क आवास से की, जबकि कादरी ने अपने इंकलाब मार्च की शुरुआत शहर के मॉडल टाउन इलाके से की। खान पहले ही अपनी मांगें जाहिर करते हुए कह चुके हैं कि शरीफ को इस्तीफा देना चाहिए और देश में नए आम चुनाव कराने के लिए एक संरक्षक सरकार बनाई जानी चाहिए।
इससे पहले, खान के नेतृत्व वाला मार्च गुजरांवाला शहर से होकर गुजरा, तो खान के वाहन पर गोलियां चलने के बाद खान के काफिले और शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के समर्थकों के बीच बीच झड़प हो गई। शरीफ ने
चुनावों में हुई धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों के एक पैनल की नियुक्ति की घोषणा पिछले मंगलवार को की थी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने हजारों पुलिसकर्मियों और अर्धसैन्य जवानों को तैनात किया है।