सुप्रीम कोर्ट की जज इंदु मल्होत्रा हुईं रिटायर, CJI बोले- 'उनसे बेहतर किसी न्यायाधीश को नहीं जानता'
नई दिल्ली। देश के सर्वोच्चतम न्यायालय की जस्टिस इंदु मल्होत्रा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शनिवार को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से विदाई दी गई। कोर्ट में अपने आखिरी दिन वह इतनी भावुक हो गईं कि अपना फेरवल स्पीच भी पूरा नहीं कर सकीं। इंदु मल्होत्रा को इमोशनल देख चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने माइक संभालते हुए कहा कि वह चाहेंगे कि जस्टिस मल्होत्रा किसी और मौके पर अपनी स्पीच पूरी करें। वह न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा से बेहतर किसी अन्य न्यायाधीश को नहीं जानते।
न्यायमूर्ति मल्होत्रा की प्रशंसा करते हुए सीजेआई बोबडे ने कहा कि जस्टिस इंदु मल्होत्रा पहली महिला न्यायाधीश थी जिनकी नियुक्ति सीधे सुप्रीम कोर्ट में हुई थी। आपको बता दें कि परंपरा अनुसार रिटायर होने वाले न्यायाधीश अपने कार्यकाल के आखिरी दिन चीफ जस्टिस के साथ न्यायालय में बैठते हैं। न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा को उनके कार्यकाल के आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट में फेरवल दिया गया, इस मौके पर अटॉर्नी जनरल समेत देश के अन्य तमाम सीनियर अधिवक्ता भी उन्हें विदाई देने के लिए मौजूद थे।
सीजेआई बोबडे ने कहा कि वह इंदु मल्होत्रा की न्यायिक कौशल के बारे में कुछ नहीं कहना चाहते क्योंकि उन्होंने जो भी फैसले लिए वह ज्ञान, दृढ़ता और विवेक से भरपूर थे। फेलवल के दौरान न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा का भावुक देख सीजेआई ने कहा, 'मैं उस भावना को समझ सकता हूं जो आखिरी दिन होती है। हम किसी अन्य दिन उनका भाषण सुनेंगे।' इस मौके पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी इंदु मल्होत्रा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अच्छे न्यायाधीश बहुत जल्दी रियाटर हो जाते हैं। यह बेहद दुखद है कि सुप्रीम कोर्ट में जज 65 साल की उम्र में ही रिटायर हो जाते हैं।
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