Vijayadashami 2022: RSS मुख्यालय में दशहरे का जश्न, भागवत बोले- इतनी बड़ी आबादी, हर किसी को नौकरी कैसे संभव
नागपुर, 05 अक्टूबर। Vijayadashami 2022: RSS के नागपुर स्थित मुख्यालय में मनाया जा रहा है दशहरे का पर्व। संघ प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीज इस कार्यक्रम में शामिल हुए। आरएसएस के इस कार्यक्रम में पहली महिला माउंट एवरेस्ट पर्वतारोगी संतोष यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर न्योता दिया गया है।
मोहन भागवत ने कहा कि अगर हम खुद से रोजगार का सृजन नहीं करेंगे तो अकेली सरकार कितना रोजगार बढ़ा सकती है। रोजगार लघु उद्योगों में, सहकारिता में, कृषि में सबसे ज्यादा होता है। यह अधिकांश रूप से समाज के हाथ में है। मेरे कहने का यह मतलब नहीं है कि मैं सरकार को उसके दायित्वों से मुक्त कर रहा हूं, हमे उनपर नजर रखने की जरूरत है। मैं कहना चाहता हूं कि अगर सरकार अपना दायित्व पूरा करती है, लेकिन समाज नहीं करता है तो इसका को अर्थ नहीं है। समाज में परिवर्तन लाना होगा।
मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या जितनी ज्यादा, बोझ उतना ज्यादा। लेकिन इसे बोझ कह देना पूरी तरह से सही नहीं है। जनसंख्या का ठीक से उपयोग किया जाए तो यह साधन बन सकती है। अधिक जनसंख्या को हम बोझ कहते हैं तो इसका इस्तेमाल डिविडेंट देने वाली आबादी के तौर पर भी किया जा सकता है। चीन बूढ़ा हो रहा है, हम जवान हैं, 30 साल तक जवान रहने वाले हैं। चीन में अधिक जनसंख्या है, वहां पर एक व्यक्ति एक बच्चे का नियम है। लेकिन अब वहां सिर्फ बूढ़े ही बूढ़े हैं, काम कौन करेगा। अब उन्होंने दो बच्चों के सिद्धांत को लागू कर दिया है।
हमे भी सोचना होगा कि 30 साल बाद काम कौन करेगा। जब देश की आबादी की उम्र 50 वर्ष होगी तो क्या वह काम कर पाएगा। यह केवल देश का प्रश्न नहीं है, हमे मातृशक्ति को भी देखना होगा। हमे एक समग्र विचार करके एक नीति बनानी पड़ती है। हमने ऐसी नीति बनाई। भारत सरकार ने नीति बनाई, 2:1 औसत संतान को लागू किया। हमने इसे इतनी अच्छी तरह से लागू किया कि दुनिया को भी यकीन नहीं हो रहा है। लेकिन इससे नीचे आना भी गलत है। बच्चों को सामाजिक प्रशिक्षण परिवार में मिलता है। लिहाजा हर उम्र के लोगों की जरूरत होती है।