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Kisan Mahapanchayat से पहले मुजफ्फनगर में बोले राकेश टिकैत, 'जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर...'

Kisan Mahapanchayat से पहले मुजफ्फनगर में बोले राकेश टिकैत, 'जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर...'

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मुजफ्फरनगर, 05 सितंबर: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ देश का किसान पिछले 09 महीनों से सड़क पर बैठा हुआ है। लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है। तो वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज यानी रविवार (05 सितंबर) को मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत बुलाई गई। इस महापंचायत में शामिल होने के लिए सुबह से ही पंजाब, हरियाणा और वेस्ट यूपी सहित आस-पास के जिलों के किसान मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में जुटना शुरू हो गए है।

Kisan Mahapanchayat rakesh tikait muzaffarnagar farmers protests agricultural law

किसान महापंचायत को देखते हुए पुलिस-प्रशासन भी सर्तक है और सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के लिहाज के पुलिस बल के साथ ही अर्ध सैनिक बल भी तैनात किया गया है। सीसीटीवी और ड्रोन से भी महापंचायत की निगरानी की जाएगी। ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु रहे इसके लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। सीमाओं पर मजिस्‍ट्रेट के साथ पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों का दावा है कि आज होने वाली किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। उनका दावा है कि महापंचायत में लाखों की संख्या में किसान जुटेंगे।

बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बार्डर पर किसान लगभग 09 महीने से आंदोलनरत हैं। तो वहीं, इस महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत 09 महीने बाद मुजफ्फरनगर आ रहे है। टिकैत मुजफ्फरनगर के ही रहने वाले हैं और जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है, तब से उन्होंने यहां कदम नहीं रखा है। टिकैत ने कहा, 'जब से आंदोलन शुरू हुआ है तब से मैं पहली बार मुजफ्फरनगर जा रहा हूं और वो भी गलियारे से जाऊंगा। वहां की जमीन पर कदम भी नहीं रखूंगा और अपने घर की तरफ देख लूंगा, वहां के लोगों को देख लूंगा।'

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टिकैत ने कहा, 'इसे आप जो भी समझे, लेकिन जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। जो लोग आजादी की लड़ाई के लिए लड़े, उन्हें काला पानी की सजा हुई तो वो कभी घर गए ही नहीं गए। ये भी एक तरीके का काला कानून है और जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक घर नहीं जाएंगे।' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो तीन कृषि कानून पास किए हैं। वह किसानों के हक में नहीं है। यह कानून पूरी तरह से देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान नौं महीने से दिल्ली के चारों तरफ बैठे हैं, लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है।

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Kisan Mahapanchayat rakesh tikait muzaffarnagar farmers protests agricultural law
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