विंध्याचल मंदिर कॉरिडोर: 50 फीट चौड़े परिक्रमा पथ निर्माण योजना को योगी सरकार ने दी मंजूरी
मिर्जापुर। विंध्याचल के प्रसिद्ध विंध्यवासिनी मंदिर परिक्रमा पथ को 50 फीट चौड़ा किए जाने की योजना को योगी सरकार ने स्वीकृति दे दी है। विंध्यवासिनी मंदिर कॉरिडोर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह बनाने की योजना है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में परिक्रमा पथ के चौड़ीकरण की योजना को मंजूरी दी गई है। विंध्याचल मंदिर की परिक्रमा करने लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं। इस बारे में सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह परिक्रमा पथ इतना संकीर्ण है कि हादसा होने की आशंका रहती है। इसको देखते हुए परिक्रमा पथ की चौड़ाई 50 फीट की जाएगी।
पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देगा कॉरिडोर
प्रवक्ता ने बताया कि विंध्याचल के पास ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। इसके आसपास विंडम फॉल, कुशेरा फॉल, टाडा फॉल समेत कई जल प्रपात हैं। यहां पर्यटन सुविधाओं का विकास होने से ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट आएंगे। इससे प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
परिक्रमा पथ का निर्माण एक-दो दिन में होगा शुरू: डीएम
इस परियोजना को जमीन पर उतारने में लगे अधिकारियों का कहना है कि परिक्रमा पथ के लिए भूमि का सर्वे करा लिया गया है। जिनके मकान और दुकान परिक्रमा पथ निर्माण के लिए गिराए जाएंगे, उनको सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। विंध्यवासिनी मंदिर के आसपास विकास के काम पर करीब 331 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। डीएम सुशील कुमार पटेल ने कहा है कि परिक्रमा पथ निर्माण की प्रकिया को एक-दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा।
तीन फेज में होगा विंध्याचल मंदिर कॉरिडोर का विकास
प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि पहले फेज में परिक्रमा पथ बनेगा, इसके बाद दूसरे फेज में पार्किंग, गेस्ट हाउस, घाट समेत पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा। कॉरिडोर के तीसरे फेज में मंदिर तक आने वाली सड़कों के निर्माण समेत अन्य सुविधाओं का विकास होगा। मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल ने परिक्रमा पथ के निर्माण का स्वागत करते हुए प्रदेश सरकार और क्षेत्र की जनता को बधाई दी।