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Gaurav Chaudhary Meerut : जर्मनी से लौटे गौरव चौधरी बने जिला पंचायत अध्यक्ष, ऐसा रहा सफर

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मेरठ, 27 जून: 'जो सुख अपनी माटी में है वो विदेश में नहीं'। ये कोई फिल्मी डायलॉग नहीं बल्कि करीब एक दशक तक जर्मनी में रहे मेरठ के गौरव चौधरी के शब्द हैं। गौरव चौधरी उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से ठीक पहले वतन लौटे थे। गांव में लोगों की मदद की, फिर फैसला किया कि जिला पंचायत चुनाव लड़ेंगे। भाजपा में शामिल हुए और टिकट भी मिल गया। चुनाव लड़ा और गौरव चौधरी जिला पंचायत सदस्य बन गए। शनिवार को गौरव चौधरी निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

17 जिलों में भाजपा की निर्विरोध जीत

17 जिलों में भाजपा की निर्विरोध जीत

विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सत्ताधारी भाजपा अपना दबदबा दिखाने में सफल रही। नामांकन के बाद 18 जिलों में निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। इनमें 17 जिलों में बीजेपी प्रत्याशियों ने अध्यक्षों का निर्विरोध निर्वाचन सुनिश्चित कर लिया है। मेरठ के गौरव चौधरी भी इनमें से एक हैं। समाजवादी पार्टी एकमात्र इटावा निर्विरोध जीतने में सफल हुई है। बाकी जिलों में एक से अधिक नामांकन हुए हैं। यहां की तस्वीर 29 जून को नामांकन वापसी के बाद स्पष्ट होगी।

जर्मनी से लौटे गौरव ने जीता जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव

जर्मनी से लौटे गौरव ने जीता जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव

गौरव चौधरी मूल रूप से मेरठ जिले के रहने वाले हैं। गौरव ने कुरुक्षेत्र से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। इसके बाद जर्मनी चले गए। वहां इंपोर्ट एक्सपोर्ट और कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया। वह करीब एक दशक से जर्मनी में रहकर बिजनेस कर रहे थे। हालांकि, साल में दो बार गांव जरूर आते रहे। यहां वह अपने दादा चौधरी भीम सिंह मेमोरियल ट्रस्ट नाम से संस्था चलाते हैं। ट्रस्ट के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों की मदद करते रहते हैं।

'जो सुख अपनी माटी में है वो विदेश में नहीं'

'जो सुख अपनी माटी में है वो विदेश में नहीं'


यूपी पंचायत चुनाव से पहले वह मेरठ लौटे। वार्ड-18 से चुनाव की तैयारी शुरू की और भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश की। इसपर कुछ स्थानीय नेताओं का विरोध भी दिखा, लेकिन इसके बावजूद गौरव को भाजपा में एंट्री मिली और टिकट भी मिल गया। वह जिला पंचायत के चुनाव में उतरे। चुनाव लड़ा और गौरव चौधरी जिला पंचायत सदस्य बन गए। गौरव ने कहा, जो सुख अपनी माटी में है वो विदेश में नहीं। गौरव का कहना है कि जीत के साथ अब जिम्मेदारी बढ़ गई है। वह चाहते हैं कि युवाओं के लिए रोजगार और गरीब तबके की सभी जरूरतें पूरी की जाएं। गांव से लेकर जिले का विकास हो।

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English summary
gaurav chaudhary meerut story of Germany returns man who wins district panchayat president election
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