मकड़ी को मिला 26/11 हमले के हीरो तुकाराम ओंबले का नाम, 23 गोलियां खाकर भी नहीं छोड़ा था कसाब का गिरेबान
मुंबई, 29 जून। साल 2008 में मुंबई पर हुए 26/11 आतंकी हमले को आज भी याद कर लोगों की रूह कांप जाती है। आतंकवादी अजमल कसाब और उसके साथियों द्वारा मुंबई में किए गए नरसंहार ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। भारतीय सुरक्षाबलों ने भी इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया और सभी आतंकियों को ढेर कर देश को आतंक के खौफ से मुख्त कराया। जब-जब इस घटना का जिक्र होता है तो अपनी जान देकर आतंकी अजमल कसाब को पकड़वाने वाले दिवंगत मुंबई पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले के लिए सम्मान अपने आप मन में बढ़ जाता है।
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मकड़ी को मिला 26/11 हमले के हीरो का नाम
अब महाराष्ट्र में उन्हें एक और सम्मान दिया गया है। दरअसल, हाल ही में पाई गई मकड़ी की नई प्रजाति को शहीद तुकाराम ओंबले का नाम दिया गया है। नई प्रजाति की मकड़ी को अब आइसियस तुकारामी के नाम से जाना जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार मकड़ी के नाम (आइसियस तुकारामी) का जिक्र रिसर्चर्स की एक टीम द्वारा प्रकाशित एक पेपर में किया गया था।
सीने पर खाईं 23 गोलियां
इस पेपर में महाराष्ट्र में पाई गई मकड़ियों की दो नई प्रजाति जेनेरा फिंटेला और आईसियस के बारे में जानकारी दी गई थी। रिसर्चर्स ने स्पष्ट किया है कि इस मकड़ी का नाम 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के हीरो, एएसआई तुकाराम ओंबले को समर्पित है। आपको बता दें कि अजमल कसाब को पकड़वाने के लिए तुकाराम ओंबले ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी, उन्होंने अपने सीने पर 23 गोलियां खाईं।
साथी पुलिसकर्मियों की बचाई जान
इतना ही नहीं गोलियों की लगातार बौछार के बीच भी तुकाराम ने कसाब की गिरेबान नहीं छोड़ी और ना ही उसके बंदूक की नोक खुद के शरीर से हटने दी। यही वजह थी कि उनके पीछे खड़े पुलिस कर्मी कसाब की गोलियों से बच गए और उसे जिंदा पकड़ने में कामयाब रहे। तुकाराम को उनकी बहादुरी के लिए मरणोंपरांत अशोक चक्र पुरस्कार से नवाजा गया। तुकाराम के सम्मान में अब मकड़ी का नाम रखे जाने से उन्हें आने वाले कई वर्षों तक याद किया जाएगा।
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