लुप्तप्राय अजगर लड़ रहा है जिंदगी की जंग, जान बचाने का है सिर्फ एक उपाय, जानिए क्या कर रहे हैं डॉक्टर ?
मुंबई, 4 सितंबर: मुंबई में पिछले महीने रेस्क्यू किया गया एक लुप्तप्राय इंडियन रॉक पाइथन घावों की वजह से मौत से जूझ रहा है। पशु चिकित्सक और वन्यजीवों के लिए काम करने वाले लोग पिछले करीब दो हफ्तों से उसे बचाने की सारी कोशिशें कर रहे हैं। इलाज का असर तो हुआ है, लेकिन वह काफी नहीं है। अब डॉक्टरों ने उसे एक विशेष मेडिकल प्रोसेड्योर से गुजारने का फैसला किया है, जो ऐसे वन्यजीवों के लिए थोड़े अजीब हैं। उसकी प्लास्टिक सर्जरी की तैयारी की गई है। वन विभाग के अधिकारियों को यकीन है कि एकबार प्लास्टिक सर्जरी सफल होने के बाद यह जंगली पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है।
जिंदगी की जंग लड़ रहा है 10 फीट लंबा अजगर
10 फीट लंबा एक अजगर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। वह बुरी तरह से जख्मी है। उसके शरीर पर कई तरह के फ्रैक्चर हैं और वह घावों से तड़प रहा है। यह एक इंडियन रॉक पाइथन है, जिसे वन विभाग के अधिकारियों और रिस्किंक एसोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलेयर (RAWW) ने मुंबई से ही अगस्त महीने में रेस्क्यू किया था। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह रेप्टाइल अभी पशुचिकित्सकों और एनिमल रेस्क्यूअर्स की देखरेख में है और वही इसका इलाज करके ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।
इलाज का हो रहा है असर, लेकिन अब एक ही विकल्प है बाकी
जिस दिन इस अजगर को पकड़ा गया था, उसी दिन से कई फ्रैक्चर और घावों की वजह से इसकी स्थिति नाजुक बना हुई है। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक काफी प्रयासों और देखभाल के बाद इलाज का इसपर असर दिख रहा है। लेकिन, जानकारी के मुताबिक इसकी जान अभी खतरे से बाहर नहीं है। इसकी जान बचाने और इसकी सेहत को दुरुस्त करने के लिए पशुचिकित्सकों के सामने सिर्फ एक ही मेडिकल प्रोसेड्योर बच गया है, उसके बाद ही इसकी सेहत पूरी तरह से सुधरने और इसकी जान बचना संभव है।
प्लास्टिक सर्जरी से ही बचेगी अजगर की जान
महाराष्ट्र वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अब इस अजगर के दुरुस्त इलाज के लिए उनके पास एक ही विकल्प रह गया है। ये है रिकंस्ट्रक्टिव प्लास्टिक सर्जरी। RAWW के फाउंडर और महाराष्ट्र वन विभाग के मानद वाइल्डलाफ वार्डन पवन शर्मा ने कहा, 'अजगर की हालत गंभीर है और हमारी टीम इसके इलाज के लिए अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रही है। डॉक्टर रीना देव अजगर के क्षतिग्रस्त चेहरे को फिर से तैयार करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करेंगी। यह सर्जरी गंभीर रूप से घायल लुप्तप्राय वन्यजीवों के उपचार में एक कामयाबी होगी। '
वडाला इलाके से मिला था अजगर
जिस लुप्तप्राय इंडियन रॉक पाइथन की जान बचाने की कोशिशें चल रही हैं, रेस्क्यू किए जाने के वक्त उसका वजह 16 किलो था। उसे सेंट्रल मुंबई के वडाला इलाके से रेस्क्यू किया गया था। रेस्क्यू के समय मल्टीपल फ्रैक्चर और घावों के साथ ही उसके जबड़े पर भी चोट थे। तब आशंका जाहिर की गई थी कि बारिश की वजह से वह अपने स्थान से भटक गया था।
एक मोर की सर्जरी से बचाई गई है जान
दरअसल, महाराष्ट्र वन विभाग का मनोबल हाल ही की एक घटना की वजह से बढ़ा हुआ है। हाल ही में राजभवन से एक टूटे पैरों वाले मोर को रेस्क्यू किया गया था। बाद में उसकी सर्जरी की गई और वह तेजी से स्वस्थ हो रहा है। पवन शर्मा ने लोगों से यह भी अपील की है कि अगर उन्हें कोई घायल या संकट में फंसा वन्यजीव मिले तो फौरन वन विभाग और एनिमल रेस्क्यूअर्स को सूचना दें, ताकि उनका तत्काल इलाज शुरू हो सके। गौरतलब है कि मुंबई के जिन इलाकों में सबसे ज्यादा मोर दिखाई पड़ते हैं, उनमें से राजभवन भी एक है।(तस्वीरें- सांकेतिक) (इनपुट-पीटीआई)