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संकट में गो-वंशः बुंदेलखंड पहुंचा लंपी वायरस, पशु बाजार बंद, परिवहन पर प्रतिबंध

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सागर, 19 सितंबर। राजस्थान सहित के पड़ोंसी राज्यों से होते हुए गायों में लंपी वायरस का प्रकोप बुंदेलखंड तक पहुंच गया है। यहां के सभी छह जिलों में लंपी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। सागर में जिला प्रशासन ने पशु बाजारों, पशुओं के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक-जिले से दूसरे जिलों में भी पशुओं का परिवहन नहीं हो सकेगा। लंपी वायरस से पीड़ित पशुओं को क्वारेंटीन किया जाएगा। इधर शहर व आसपास के इलाके में ही सैकड़ों की तादाद में पशुओं के शरीर पर वायरस के असर से शरीर पर गठाने और फफोले नजर आने लगे हैं। इधर वेटरनरी विभाग अभी भी प्राथमिक उपचार और सलाह देने की स्थिति में ही नजर आ रहा है।

lumpi virus

बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर सहित छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़ सहित सभी छह जिलों में कलेक्टर ने लंपी वायरस को लेकर विशेष अहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। सागर कलेक्टर ने जिले की सीमाओं में नाकेबंदी के निर्देश दिए हैं। गो-वंश सहित मवेशियों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा सागर सहित जिले भर में लगने वाले पशु बाजार और मशु मेले को भी अस्थाई रुप से अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं पशु चिकित्सा विभाग को गायों और मवेशियों में वायरस के लक्षण नजर आने वाले इलाज की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इधर शहर में घनी आबादी में भी पालतु गायों में भी लंपी वायरस के चलते लक्षण दिखने लगे हैं। सदर इलाके में ऐसे दर्जनों गायों का निजी तौर पर इलाज कराया जा रहा है।
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पशुओं में यदि यह लक्षण दिखें तो समझो लंपी वायरस है
पशु चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा गाइड लाइन के अनुसार गायों में फैल रहे लंपी वायरस के संक्रमण के शुरुआती तौर पर कुछ लक्षण नजर आते हैं। इनमें पशु चारा खाना बंद करे, यदि वह लंगड़ा कर या लड़खड़ा कर चले, उसके शरीर का तापमान बढ़ा हुआ लगे तो यह लंपी वायरस के लक्षण हो सकते हैं। जानवर इस दौरान सुस्त और थका हुआ दिखने लगता है। इन लक्षणों के बाद उसके शरीर पर गठानें उभर आती हैं। यदि ऐसा हो तो उसे नीम की पत्ती और फिटकरी के पानी का घोल बनाकर उसे शरीर पर लगाया जाए तो संक्रमण से आराम मिलता है। हालंाकि सबसे पहले नजदीकि पशु चिकित्सक या पशु अस्पताल के डाॅक्टर से संपर्क कर उसका इलाज कराएं। सही समय पर इलाज प्रारंभ होने से गाय व पशु 10 से 12 दिन में स्वस्थ्य हो जाता है। इस दौरान पशु को क्वारेंटीन करते हुए अन्य पशुओं से तुरंत अलग कर देना चाहिए।

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English summary
Due to the long virus outbreak in cows, the administration has closed the cattle market and cattle fairs in Bundelkhand area by issuing orders. Until the disease is over, there will be no animal markets. Here, cattle farmers are getting worried for the treatment of animals suffering from lumpi virus.
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