जब तक जिंदा रही तो बंद नोट, शव देने के लिए मांगे नए नोट
नोटबंदी की घोषणा के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अस्पताल ये नोट स्वीकार कर सकते है।
नई दिल्ली। 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपए के नोट को बंद करने की घोषणा की थी।
इसी दौरान उन्होंने यह घोषणा भी की थी कि अस्पतालों में ये पुराने नोट चलेंगे। हालांकि अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों के संबंध में पीएम मोदी की घोषणा का कोई खास असर नहीं पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश के रतलाम में ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक शख्स को अपनी पत्नी का शव लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने 500 और 1,000 के पुराने नोट लेने से मना कर दिया।
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जा रहे थे गैस कनेक्शन लेने
बताया गया कि यहीं के संदला निवासी जितेंद्र बंजारा, 48 वर्षीय पत्नी रेखा के साथ 11 नवंबर को उज्ज्वला गैस योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने के लिए गाड़ी से खाचरौद जा हे थे।
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रास्ते में बड़ागांव से दो किलोमीटर पहले पहिए में साड़ी फंस जाने के कारण रेखा गाड़ी से गिर कर घायल हो गई।
आनन-फानन में रेखा को पास के खाचरौद स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां थोड़े बहुत इलाज के बाद उन्हें रतलाम रेफर दिया गया।
रतलाम में कराया भर्ती
रेखा के परिजनों ने उसे रतलाम स्थित जैन दिवाकर अस्पताल में भर्ती कराया। बताया गया कि रेखा के सिर में मामूली चोट थी। उसे 4 टांके लगे थे।
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रेखा के भाई बबलू के मुताबिक इलाज शुरू होने से पहले ही अस्पताल प्रशासन ने पुराने नोट के ही 52,000 रुपए एडवांस ले लिए। इसी तरह से कुछ पेमेंट एटीएम कार्ड के जरिए हुई।
लेकिन गुरूवार (17 नवंबर) को रात 2 बजे रेखा का निधन हो जाने के बाद पेमेंट के लिए बचे 15,800 रुपए लेने के लिए अस्पताल प्रशासन ने नए नोट की मांग कर दी।
सीएम हेल्पलाइन का रवैया भी नहीं रहा ठीक
अस्पताल प्रशासन ने पति जितेंद्र से कहा कि अगर पत्नी का शव चाहिए तो नए नोट लाओ। इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के हेल्पलाइन का भी रवैया ठीक नहीं रहा।
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बताया गया कि जब इस मामले में सीएम हेल्पलाइन पर फोन कर सहायता मांगी गई तो वहां से यह जवाब मिला कि प्राइवेट अस्पताल में क्यों ले गए? सरकारी अस्पताल में ले गए होते।
हालांकि दो विधायकों दिलीप सिंह शेखावत और चेतन कश्यप के हस्तक्षेप से रेखा का शव, परिजनों को दिया गया। इसके बाद परिवार ने रेखा के अंतिम संस्कार के लिए भी 12,000 रुपए इकट्ठा किए।