सागर में मंत्री, विधायक, महापौर प्रत्याशी सपत्नीक संतों के यहां शरणागत
सागर,7 जून।मप्र के दिग्गज नेता, कदावर मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, महापौर प्रत्याशी से लेकर पार्षद और सरपंच पद के प्रत्याशी और दावेदार संतों की शरणागति लेते नजर आ रहे हैं। बीते रोज एक कथा पंडाल में प्रदेश के मंत्री गोपाल भार्गव के अलावा गोविंद सिंह राजपूत, विधायक शैलेंद्र जैन, पूर्व विधायक सुनील जैन सपत्नीक पहुंचे और व्यासगद्दी का पूजन, आरती कर आर्शीवाद प्राप्त किया।
सीहोर के ख्यात शिव महापुराण कथा वाचक व संत पंडित प्रदीप मिश्रा की सागर में बीते पांच दिन से कथा चल रही है। तीव्र गर्मी और चिलचिलाती धूप के बाद हजारों की संख्या में लोग यहां कथा सुनने उमड रहे हैं। जाहिर है चुनावी दौर में जब जनता से वोट चाहिए तो खुद को धर्म के नजदीक दिखाने के लिए व जनता के नजदीक पहुंचने के लिए नेता इस मौके को कैसे छोड सकते हैं।
सोमवार को पटकुई इलाके में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा पंडाल में सबसे पहले प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव पहुंचे और गुरुजी से आर्शीवाद लिया। इसके पूर्व यहां पर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सपत्नीक पहुंचे और कथा श्रवण कर पूजन किया था। शाम को यहां पर पहले कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी निधी जैन अपने पति पूर्व विधायक सुनील जैन के साथ पहुंची और आरती कर पूजन किया, उन्होंने व्यास गद्दी से आर्शीवाद लिया। इसके कुछ समय बाद सागर से भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन अपनी पत्नी अनु जैन के साथ पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा पंडाल में पहुंचे और मंच पर पहुंचकर श्री शिव महापुराण का पूजन किया और गुरुजी से आर्शीवाद प्राप्त किया। इनके अलावा यहां पर दर्जनों की संख्या में पार्षद, जिला पंचायत सदस्य सहित चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशी पहुंच रहे हैं।
कुर्सी
का
अहंकार
है
तो
टेबल
पर
आने
में
देर
नहीं
लगती
पंडित
प्रदीप
मिश्रा
ने
कहा
कि
पद,
प्रतिष्ठा,
सत्ता
धनसंपदा
मिलाना
यह
आपके
कर्मों
के
फल
है।
यह
फल
मिला
है
तो
इसका
सदुपयोग
होना
चाहिए।
मन
निर्मल
होना
चाहिए।
पद,
प्रतिष्ठा,
सत्ता
मिले
तो
इसका
सदुपयोग
होना
चाहिए।
मन
निर्मल
होना
चाहिए,
यदि
अहंकार
हुआ
तो
धन,
संपदा,
सत्ता
और
प्रतिष्ठा
इन
तीनों
को
नष्ट
अवश्य
होना
है।
कुर्सी
पर
बैठने
वालों
को
अहंकार
बहुत
जल्दी
आता
है,
लेकिन
यह
ज्यादा
दिन
तक
नहीं
टिकता।
अहंकारी
लोग
कब
कुर्सी
से
टेबल
पर
आ
जाएं
पता
नहीं
चलता।
टेबल
पर
आने
से
मतलब
कुर्सी
पर
टेबल
और
उस
पर
प्लास्टिक
की
माला
चढ
जाती
है।