सदन में गूंजा धर्मांतरण का मामला, शैलेंद्र जैन बोले— मिशनरी से जमीनें वापस ली जाएं
सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने धर्मांतरण के मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए कहा कि ईसाई मिशनरी जमीन पर संचालित हॉस्टल, छात्रावास, अनाथालय का उपयोग धर्मांतरण के लिए कर रहे हैं। इनकी लीज समाप्त हो चुकी है, जमीन वापस ली जाए।
बुंदेलखंड इलाके में ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरण कराने का मामला मप्र की विधानसभा तक पहुंच गया। विधायक शैलेंद्र जैन ने दमोह, सागर सहित आसपास के इलाके में पूर्व में आए मामलों को उठाते हुए कहा कि मिशनरी ने सैकड़ों एकड़ जमीन लीज पर ले रखी है, लेकिन लीज रिन्युअल नहीं कराते। इनसे जमीन वापस लेकर इसका आमजन की भलाई के काम में लिया जाए।
सागर विधायक शैलेन्द्र जैन ने मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र् में शून्यकाल के दौरान ईसाई मिशनरीज द्वारा अवैध रुप से शासकीय भूमि पर कब्जा किए जाने का मुद्दा उठाया। विधायक शैलेन्द्र जैन ने सदन में जानकारी देते हुए कहा कि अंग्रेजों के समय ब्रिटिश शासन द्वारा पूरे देश एवं प्रदेश में ईसाई मिशनरियों को उस समय सैकड़ों एकड़ भूमि लीज पर प्रदान की गई थी। जिसमे संचालित अनाथालय, छात्रावास में मानवता की आड़ में उस भूमि का उपयोग धर्मांतरण जैसे अनैतिक कार्यों में बड़ी तेजी से किया गया।
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लीज
की
अवधि
खत्म
हुए
कई
दशक
बीत
गए
विधायक जैन ने विस में कहा कि उक्त जमीनों की लीत समाप्त हुए कई वर्ष बीत गये है एवं आजादी के बाद भी इन भूमियों का नवीनीकरण नहीं किया गया है, लेकिन ईसाई मिशनरीज अभी भी देश एवं प्रदेश में शासन की बहुमूल्य भूमि पर अपना आधिपत्य जमाए हैं तथा इन भूमियों का दुरुपयोग लगातार जारी है। विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि, ऐसी जमीनें जिनका नवीनीकरण नहीं किया गया है, उन्हें शासन अपने कब्जे में ले ताकि जमीनों का उपयोग शासन की अनेक जनकल्याकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया जा सके, जो भूमि की उपलब्धता के अभाव में नहीं हो पा रहा है।