'यह नया भारत है, यहां...,' PFI ban पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा ?
लखनऊ, 28 सितंबर: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है। पीएफ पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने भी स्वागत किया है।
सीएम योगी ने कहा - यह 'नया भारत' है, यहां...
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट में कहा, ''राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह 'नया भारत' है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।''
'राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला है यह फैसला'
उत्तर
प्रदेश
के
उपमुख्यमंत्री
केशव
प्रसाद
मौर्य
ने
कहा,
''भारत
सरकार
के
गृह
मंत्रालय
द्वारा
PFI
पर
प्रतिबंध
का
स्वागत
करता
हूं,
राष्ट्र
विरोधी
गतिविधियों
का
पर्याय
एवं
राष्ट्रीय
सुरक्षा
के
लिए
ख़तरा
बन
चुका
था
PFI,राष्ट्रीय
सुरक्षा
को
सर्वोच्च
प्राथमिकता
देने
वाला
है
यह
फ़ैसला!''
उपमुख्यमंत्री
बृजेश
पाठक
ने
कहा
कि
पीएफआई
की
असामाजिक
गैरकानूनी
गतिविधियां
लगातार
जारी
थी।
विभिन्न
जांच
एजेंसियां
जांच
कर
रही
थी।
जो
तथ्य
प्रकाश
में
आए
हैं
उन्हें
देखते
हुए
गृह
मंत्रालय
ने
जो
निर्णय
लिया
है
उसकी
पूरे
देश
ने
सराहना
की
है।
भारत में 5 साल के लिए PFI पर प्रतिबंध
बता
दें,
पीएफआई
को
भारत
में
5
साल
के
लिए
बैन
कर
दिया
गया
है।
पीएफआई
एक
कट्टरपंथी
संगठन
है।
एनआईए
ने
2017
में
गृह
मंत्रालय
को
लेटर
लिखकर
इस
संगठन
पर
बैन
लगाने
की
मांग
की
थी।
एनआईए
जांच
में
इस
संगठन
के
कथित
रूप
से
हिंसक
और
आतंकी
गतिविधियों
में
लिप्त
होने
की
बात
सामने
आई
थी।
एनआईए
के
डोजियर
के
मुताबिक
यह
संगठन
राष्ट्रीय
सुरक्षा
के
लिए
खतरा
माना
गया।
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