विधान परिषद में गूंजा सदन की अवमानना का मुद्दा, डीएम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कड़ी कारवाई की मांग
विधान परिषद में गूंजा सदन की अवमानना का मुद्दा, डीएम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कड़ी कारवाई की मांग
लखनऊ, 24 मई: उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सोमवार को जिलाधिकारी महाराजगंज के खिलाफ सदस्य को अपमानित करने के खिलाफ अवमानना की नोटिस जारी कर को लेकर आवाज उठी। सदन ने सामूहिक तौर पर इस बात पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि जिलाधिकारी को सदन में बुलाकर ऐसा कठोरतम दंड दिया जाय जिसके बाद किसी और अधिकारी की हिम्मत इस तरह का कृत्य करने की हिमाकत न कर सके।
विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन के भीतर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया। देवेंद्र सिंह ने बताया कि 12 मई को उन्होंने अपने मोबाइल नंबर से जिलाधिकारी महाराजगंज को फोन कर अपना परिचय देते हुए यह अनुरोध किया कि सभी छेत्र पंचायतों के प्रस्तावों पर समान रूप से विचार किया जाय।
एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, इतना सुनते ही जिलाधिकारी ने अपना आपा खो दिया और कह की आपन पहले ही दिन आरोप लगा दिया। उनकी वाणी और भाषा दोनों तल्ख हो गई। अपनी भाषा से उन्होंने मुझे आतंकित करने और आवाज को दबाने का प्रयास किया। उनका यह आचरण नियम 223 के अंतर्गत विशेषाधिकार हनन की श्रेणी में आता है। उनके खिलाफ कड़ी कारवाई कर सदन द्वारा दंडित किए जन चाहिए।
सदन के भीतर सदस्य के सवाल पर सरकार की तरफ से नेता सदन और प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सदस्य को आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। पूरे मामले की रिपोर्ट आते ही कठोर करवाई की जाएगी।
देवेंद्र प्रताप सिंह के इस अनुरोध पर सदन के बाकी सदस्यों ने भी इस मामले को पूरी गंभीरता से लेने की मांग की और संबंधित अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई करने की मांग की। इस पूरे मामले को लेकर विधान परिषद के सभापति ने सदस्यों को आश्वाशन देते हुए कहा कि सदस्य के साथ हुई इस तरह की करवाई पर रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा।