कश्मीर में शिक्षिका की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन, सरकारी कर्मचारियों ने घाटी से ट्रांसफर की उठाई मांग
जम्मू, 02 जून। घाटी में हिंसा के मामलों को लेकर बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी अपने गृह जनपद में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को अपनी मांगों के समर्थन में इन कर्मचारियों ने मार्च निकालकर और प्रशासन को यह बताने की कोशिश की वे घाटी में जिस तरह का माहौल है, उसमें कार्य नहीं कर सकते। विरोध कर रहे लोग अपनी मांगों के समर्थन में तख्तियां लिए हुए थे।
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक स्कूल में मंगलवार को एक स्कूल शिक्षिका रजनी बाला की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद घाटी में सरकारी कर्मचारी अपने गृह जनपद में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन 'ऑल जम्मू-बेस्ड रिजर्व कैटेगरी एंप्लॉयीज एसोसिएशन' के बैनर तले किया गया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वो अपनी ड्यूटी फिर से शुरू नहीं करेंगे क्योंकि सरकार एक लक्षित वर्ग के लोगों की हत्या रोकने और लोगों को एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने में सफल नहीं रही।
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तैनात एक शिक्षिका ने कहा, 'हमें सरकारी आवास या पदोन्नति की आवश्यकता नहीं है, हम केवल घाटी से हमारा स्थानांतरण चाहते हैं क्योंकि प्रत्येक कर्मचारी को सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है। घाटी में कोई सुरक्षित जगह नहीं है और हम घाटी के भीतर पुनर्वास के सरकारी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।' उन्होंने कहा कि अगर सरकार अगस्त 2019 में दशक पुराने अनुच्छेद 370 को खत्म कर सकती है, तो उन्हें स्थानांतरण नीति में मामूली बदलाव करने और उन्हें अपने गृह जिलों में स्थानांतरित करने से क्या रोकता है। वहीं एक अन्य शिक्षक ने कहा कि वे वहां अपनी आजीविका कमाने के लिए गए हैं न कि वहां बसने के लिए।
चूड़ी
बेचने
वाली
मां
के
बेटे
ने
JPSC
में
लहराया
परचम,
हासिल
की
80वीं
रैंक
जम्मू के विभिन्न जिलों के लगभग 8,000 कर्मचारी अंतर-जिला स्थानांतरण नीति के तहत कश्मीर में काम कर रहे हैं। गुरुवार को विरोध कर रहे सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि वर्तमान वे अपनी ड्यूटी पर नहीं जा पा रहे। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में तैनात एक शिक्षक रमेश चंद ने कहा कि वो पिछले 15 वर्षों से कश्मरी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन यहां असुरक्षा और तनाव का माहौल बना हुआ है। वे दिवंगत शिक्षिका बाला को श्रद्धांजलि देने वहां पहुंचे थे। उन्होंने सरकार से उनकी नाबालिग बेटी के लिए मुफ्त शिक्षा और सरकारी नौकरी सुनिश्चित की व्यवस्था देने की मांग की।