पीएम मोदी की तारीफ कर कांग्रेस में 'बुरे फंसे' गुलाम नबी आजाद, दे सकते हैं सफाई
जम्मू: लगता है कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करके अपनी ही पार्टी में 'घिर' गए हैं। अब उनकी ओर से कहा जा रहा है कि उनकी बातों का गलत मतलब निकाला जा रहा है। यह भी जानकारी मिल रही है कि वह पार्टी के लिए विधानसभा चुनावों में प्रचार भी कर सकते हैं। यह जानकारी उनके नजदीकी सूत्रों की ओर से आई है कि उन्होंने अब जोर देकर कहा है कि उन्होंने जो कुछ कहा था, उसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है। आजाद ने रविवार को जम्मू के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि वह जमीन से जुड़े हुए हैं और इस बात को वह छिपाते नहीं हैं कि वो चाय बेचते थे।
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बयान
का
गलत
मतलब
निकाला-
सूत्र
मंगलवार
को
गुलाम
नबी
आजाद
के
करीबी
सूत्रों
ने
बताया
है
कि
उन्होंने
पीएम
मोदी
की
तारीफ
नहीं
की
थी
और
उनकी
बातों
को
गलत
तरीके
से
समझा
गया
है।
यही
नहीं
सूत्रों
के
मुताबिक
वह
सही
वक्त
आने
पर
अपनी
स्थिति
साभ
भी
कर
सकते
हैं।
सूत्र
के
मुताबिक
उन्होंने
सिर्फ
पीएम
मोदी
का
हवाला
दिया
था,
क्योंकि
वह
अक्सर
कहते
हैं
कि
वह
चाय
बेचा
करते
थे।
बता
दें
कि
रविवार
को
उन्होंने
कहा
था,
'मुझे
कई
नेताओं
की
कई
चीजे
पसंद
हैं।
मैं
भी
एक
गांव
से
आया
हूं
और
मुझे
इसपर
गर्व
है।
यहां
तक
कि
हमारे
प्रधानमंत्री
भी
गांव
से
जुड़े
हैं
और
वह
खुद
को
चायवाला
बताते
हैं।
राजनीतिक
विरोध
अलग
है,
लेकिन
अपनी
असलियत
नहीं
छिपाते
हैं,
यह
बहुत
ही
अच्छी
बात
है।
अपनी
असलियत
छिपाना
सही
चीज
नहीं
है।'
आजाद
का
यह
बयान
राज्यसभा
में
पीएम
मोदी
की
ओर
से
उनकी
सराहना
के
कुछ
ही
दिनों
बाद
आया
था,
लेकिन
यह
कांग्रेस
के
बड़े
तबके
को
नागवार
गुजरा
और
मंगलवार
को
इसको
लेकर
कांग्रेसियों
ने
जम्मू
में
उनके
पुतले
भी
फूंक
डाले।
फुरफुरा
शरीफ
पर
आनंद
शर्मा
से
सहमत
नहीं-सूत्र
सूत्रों
के
मुताबिक
उनपर
आरोप
लगाने
वाले
कांग्रेसियों
की
जुबान
बंद
करने
के
लिए
वो
विधानसभा
चुनाव
में
पार्टी
के
लिए
प्रचार
भी
कर
सकते
हैं।
सूत्र
ने
कहा
है
कि
वह
'चुनाव
में
कांग्रेस
की
ओर
से
प्रचारकों
की
लिस्ट
भेजे
जाने
का
इंतजार
कर
रहे
हैं।'
गौरतलब
है
कि
आजाद
कांग्रेस
के
उन
23
असंतुष्ट
नेताओं
में
शामिल
हैं,
जो
जी-23
के
नाम
से
चर्चित
हो
चुके
हैं,
क्योंकि
इन्होंने
पार्टी
की
अंतरिम
अध्यक्ष
सोनिया
गांधी
को
पिछले
अगस्त
में
चिट्ठी
लिखकर
पार्टी
की
कमजोरियां
उजागर
की
थीं
और
उसमें
सुधार
के
सुझाव
दिए
थे।
इस
ग्रुप
में
आनंद
शर्मा
भी
शामिल
हैं,
जो
जम्मू
में
इस
ग्रुप
के
समर्थन
के
बाद
बंगाल
में
मौलवी
अब्बास
सिद्दीकी
की
पार्टी
के
साथ
गठबंधन
करने
को
लेकर
भी
पार्टी
नेतृत्व
पर
सवाल
उठा
चुके
हैं।
अब
सूत्र
ने
दावा
किया
है
कि
आजाद
इस
मुद्दे
पर
शर्मा
की
राय
से
पूरी
तरह
से
सहमत
नहीं
हैं।
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