राज्यसभा चुनाव 2022 : राजस्थान में 6 बसपा विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट का ऑफर, बाड़ाबंदी भी शुरू
जयपुर, 2 जून। राजस्थान में चार सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव 2022 होने हैं। दस जून को मतदान होगा। कांग्रेस व भाजपा दोनों ने सियासी बिसात बिछा दी है। स्पेशल ऑफर और विधायकों की बाड़ाबंदी भी शुरू हो गई है। राजस्थान से राज्यसभा की सीट कांग्रेस व एक सीट भाजपा के खाते में जानी तय है, मगर असली लड़ाई तो चौथी सीट के लिए है।
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विधायकों की संख्या के लिहाज से चौथी सीट के लिए कांग्रेस का पलटा भारी है, मगर भाजपा भी तिकड़म भिड़ा रही है। ऐसे में कांग्रेस के 'हाथ' की गिनती गड़बड़ा सकती है। तीसरे प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के लिए कांग्रेस को कम से कम 14 वोट बचाने हैं।
राजस्थान कांग्रेस की स्थिति यह आरएलडी और उसके खुद के 109 और माकपा के दो वोट तय ही। वहीं, भाजपा के समर्थन से निर्दलीय नामांकन भरने वाले सुभाष चंद्र को भाजपा के 30 और आरएलडी के तीन विधायकों से समर्थन है। यानी अब सिर्फ आठ वोट और जुटाने हैं।
राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस को विधायकों के 'टूटने का डर', रिजॉर्ट में आने के लिए सबको भेजा बुलावा
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव 2022 के मतदान की तिथि नजदीक आने पर बुधवार को जयपुर के होटल क्लाक्र्स आमेर में कांग्रेस ने कैंप लगाकर पार्टी के अलावा समर्थक विधायकों को बुलाया। सूत्रों की मानें तो बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए वाजिब अली, संदीप यादव, निर्दलीय विधायक रमीला खड़िया और बीटीपी के दोनों विधायक इसमें शामिल नहीं हुए।
इसका असर यह हुआ कांग्रेस को विधायकों की जो बाड़बंदी तीन जून से करनी थी वो बुधवार से ही शुरू करनी पड़ी गई। कई विधायकों को बाइ एयर उदयपुर के उसी होटल में ले जाया गया, जहां पिछले माह कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था। शुक्रवार तक शेष विधायक पहुंचेंगे।
उधर, देर रात बसपा आलाकमान ने कांग्रेस में शामिल हुए अपने छह विधायकों जोगेंद्र अवाना, राजेंद्र गुढ़ा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, वाजिब अली और लाखन मीणा को ऑफर दिया कि वे राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें। ऐसा होने पर बसपा उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अयोग्यता याचिका को वापस ले लेगी।
दरअसल, राजस्थान विधानसभा 2018 में बसपा की टिकट पर जीतने के बाद ये छहों विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। तब बसपा ने दल बदल कानून के तहत इनकी पार्टी सदस्यता समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा सैनिक कल्याण और पंचायती राज राज्यमंत्री है।जबकि जोगेंद्र अवाना को देवनारायण बोर्ड की कमान। वाजिब अली और संदीप यादव नाराज हैं।