Rajasthan में ओबीसी आरक्षण को लेकर हरीश चौधरी और हनुमान बेनीवाल आमने-सामने, भाजपा ने तोड़ी चुप्पी
Rajasthan में ओबीसी आरक्षण नियमों में संशोधन को लेकर सियासत गरमाई हुई है। भाजपा सरकार के समय नियमों में संशोधन के खिलाफ 8 मार्च से आंदोलन कर रहे पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को लेकर भाजपा ने चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस पर ही आंदोलन को हवा देने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पूर्व मंत्री हरीश चौधरी को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह सब सरकार से प्रेरित लग रहा है। एक पूर्व मंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करें। यह बात समझ से परे है। यानी दाल में कुछ काला जरूर है। ओबीसी आंदोलन को लेकर हनुमान बेनीवाल जी हरीश चौधरी के खिलाफ मैदान में उतर गए हैं। बेनीवाल ने हरीश चौधरी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश चौधरी को मामले को सियासी टूल देना तब याद आया जब उनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है। आज तो मंत्रिमंडल में यह मामला डफर होने पर बयान बाजी कर रहे हैं।
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सीएम के साथ हुई समिति की बैठक
ओबीसी आरक्षण समिति के सदस्यों के साथ बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक की। मीटिंग में समिति से रिटायर्ड आरएएस जस्सा राम चौधरी, डॉ राम सिंह सामोता, मोहसिन खान, योगेश यादव, सुनील चौधरी, नाथू राम गोदारा और बलराम शामिल रहे। बैठक में समिति के सदस्यों ने सीएम से ओबीसी आरक्षण पर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी दी।
पूर्व मंत्री चौधरी की मांग पर सरकार देख रही तमाशा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ऐसे कई बार कठिन और संवेदनशील विषय सरकार के सामने आते हैं। जहां समाज के भीतर विरोधाभास होता है। लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार की नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह उस को सुलझाए। लेकिन यहां तो ऐसा लगता है कि सरकार इसमें तमाशा देख रही है। सरकार को चाहिए कि वह इसमें सर्वसम्मति बनाकर बीच का रास्ता निकाले जिम्मेदारों से बात करें। लेकिन इसके विपरीत विचित्र और हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जाट आरक्षण का विरोध किया वह आज आंदोलन कर रहे
ओबीसी आरक्षण में विसंगति के मामले में और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने विधायक चौधरी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 1998-99 में जाट आरक्षण आंदोलन के समय चौधरी उन लोगों में शामिल थे। जो इसका विरोध कर रहे थे। वह आंदोलन के किसी मंच पर नजर नहीं आए। साल 2018 में वसुंधरा सरकार के एक गलत आदेश की वजह से यह विसंगति पैदा हुई। सरकार में मंत्री रहते हरीश चौधरी ने एक बार भी मामला नहीं उठाया।
राजनीतिक लड़ाई दूसरे तरीके से लड़ लेंगे
हरीश चौधरी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर विवाद पैदा करने से युवाओं को मदद नहीं मिल रही है और मुद्दा कमजोर हो रहा है। कोई भी ओबीसी आरक्षण विसंगतियों में विवाद पैदा नहीं करें और हम राजनीतिक लड़ाई दूसरे तरीके से लड़ लेंगे। यह प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य का सवाल है। हमें श्रेय नहीं चाहिए। हमारा मकसद प्रदेश के लाखों युवाओं को राहत देना है।