मप्र में GST की बड़ी कार्रवाई, 8 कारोबारियों के यहाँ 7 करोड़ की टैक्स चोरी उजागर
वाणिज्यिक कर विभाग के 70 अधिकारियों की अलग-अलग टीमों ने जब मप्र में आयरन स्टील का व्यापार करने वाले आठ कारोबारियों के यहाँ दबिश दी, तो हडकंप मच गया। जबलपुर, मंडला समेत प्रदेश के भोपाल, इंदौर, सागर, राजगढ़ में कार्रवाई हुई
जबलपुर, 28 मई: जीएसटी विभाग ने मध्यप्रदेश के 8 बड़े कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई कर लगभग सात करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी है। यह कार्रवाई मंडला, जबलपुर, सागर, इंदौर और राजगढ़ में की गई। आयरन और स्टील के इन बड़े कारोबारियों के यहाँ 40 से 50 करोड़ रुपए की नियम विरूद्ध खरीदी-बिक्री उजागर हुई। कार्रवाई को अंजाम देने पहुंची टीम के साथ कई कारोबारियों ने बाधा उत्पन्न करने की कोशिश भी की, लेकिन मौके पर पहुँची पुलिस ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। जांच टीम के मुताबिक दोषी कारोबारियों द्वारा बोगस फर्म और बोगस बिलिंग के जरिये सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे थे।
वाणिज्यिक कर विभाग के 70 अधिकारियों की अलग-अलग टीमों ने जब मप्र में आयरन स्टील का व्यापार करने वाले आठ कारोबारियों के यहाँ दबिश दी, तो हडकंप मच गया। जबलपुर, मंडला समेत प्रदेश के भोपाल, इंदौर, सागर, राजगढ़ जिले में जब एक्शन हुआ तो अन्य जिलों के कारोबारी भी दहशत में आ गए। जाँच कार्रवाई में राज्य कर सहायक आयुक्त जबलपुर वंदना गोंड, सहायक आयुक्त सुश्री वंदना सिन्हा के नेतृत्व में यह एक्शन हुआ। टैक्स रिसर्च एवं एनालिसिस विंग परिक्षेत्र इंदौर द्वारा व्यवसायियों का जीएसटी पोर्टल, ई-वे बिल, गेन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का सूक्ष्म विश्लेषण किया गया। जिसमें पाया गया कि व्यवसायियों द्वारा मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र की फर्मो के विरुद्ध भी संदिग्ध वित्तीय व्यवहार किया गया हैं।
40
से
50
करोड़
की
नियम
विरूद्ध
खरीदी-बिक्री
प्रदेश
के
जिन
आठ
कारोबारियों
के
ठिकानों
पर
कार्रवाई
हुई,
वहां
विशेष
तौर
पर
आयरन
एवं
स्टील
का
व्यवसाय
होता
हैं।
आयरन
स्क्रेप
और
ट्रेडिंग
के
काम
इस
बात
के
प्रमाण
मिले
कि
रोलिंग
मिल
द्वारा
बिना
बिल
के
आयरन
स्क्रेप
की
खरीदी
कर
उसका
सरिया
बनाकर
बिना
बिल
के
ही
बेचा
जा
रहा
है।
दस्तावेज
खंगाले
गए
तो
लगभग
40
से
50
करोड़
रुपए
की
नियम
विरुद्ध
खरीद-बिक्री
की
गई
है।
जिससे
सरकार
के
राजस्व
को
लगभग
7
करोड़
की
क्षति
हुई।
हालाँकि
कार्यवाही
के
दौरान
कारोबारियों
द्वारा
मौके
पर
ही
एक
करोड़
की
राशि
जमा
की
गई।
बाकी
शेष
राशि
भी
जल्दी
जमा
करवाई
जाएगी।
आयरन
स्टील
के
कारोबार
में
बोगस
फर्म
और
बोगस
बिलिंग
जांच
में
यह
पता
चला
कि
जो
कारोबारी
सिर्फ
ट्रेडिंग
का
काम
करते
हैं
उनके
विरुद्ध
इस
बात
के
तथ्य
सामने
आए
हैं
कि
वे
माल
के
वास्तविक
परिवहन
के
बिना
ही
बोगस
बिलिंग
कर
इनपुट
टैक्स
का
ट्रांसफर
करते
हैं।
यह
तथ्य
भी
सामने
आया
है
कि
इनके
द्वारा
माल
के
परिवहन
के
लिए
जो
ई-वे
बिल
डाउनलोड
किए
गए
थे,
उनमें
से
कई
बिल
दो
पहिया
वाहन
के
पंजीयन
नम्बर
के
आधार
पर
जारी
किये
गये
थे।
मेसर्स
बालाजी
उद्योग
सागर
फर्म
बोगस
मिली
है।
व्यवसाय
स्थल
पर
व्यवसाय
करना
नहीं
पाया
गया
है।
इनके
द्वारा
केवल
बिलों
का
आदान-प्रदान
किया
जा
रहा
था।
साथ
ही
मेसर्स
खण्डेलवाल
आयरन
एंड
स्टील
कंपनी
जबलपुर
का
छोटा
बांगडरा
इंदौर
में
अतिरिक्त
व्यवसाय
स्थल,
मेसर्स
खण्डेलवाल
स्टील
जबलपुर
का
नैनपुर
निवाड़ी
में
अतिरिक्त
व्यवसाय
स्थल
तथा
शाकम्बरी
फेरस
प्राइवेट
लिमिटेड
जबलपुर
का
मनेरी
-मंडला
में
अतिरिक्त
व्यवसाय
स्थल
भी
अस्तित्वहीन
पाया
गया
है।
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