‘शिवलिंग फोटो शूट’ जबलपुर के भैयाजी सरकार है नकलची पाखंडी साधू , बोले स्वामी अखिलेश्वरानन्द , अब Video Viral
निराहार नर्मदा परिक्रमा पर निकले एमपी जबलपुर के भैयाजी सरकार के आपत्तिजनक शिवलिंग फोटो शूट पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द महाराज ने इस कृत्य को पाखण्डवाद करार दिया है।
'Shivling photo shoot' Bhaiyaji Sarkar: त्रिपुंड तिलक लगे शिवलिंग की आकृति पर खड़े-बैठे फोटो शूट कराने वाले भैयाजी सरकार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उनके कुछ और फोटो और वीडियो भी वायरल होना शुरू गए है। जिसमें सिर्फ लंगोट लगाए रेत (बालू) से स्नान करते दिख रहे है। उनके भक्त महिला पुरुष आजू बाजू बैठकर शरीर पर रेत डालते हुए हाथ फेर रहे है। स्कूली बच्चों के बीच भी उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। एमपी में कैबनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त गौपालन पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानन्द महाराज ने इस हरकत पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अपने आप को सिद्ध कोटि का संत प्रदर्शित कर ऐसे लोग पाखण्डवाद को बढ़ावा दे रहे है। उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ये कृत्य पापाचरण कदाचरण
नर्मदा मिशन के संस्थापक और नर्मदा परिक्रमा कर रहे भैयाजी सरकार के शिवलिंग आकृति वाले फोटो शूट पर विवाद बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद जहां आम लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे है, वहीं अब संत महात्मा भी उनके विरोध में खुलकर बोल रहे है। मप्र में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त गौपालन पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द महाराज ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस तरह का कृत्य पापाचरण में आता है।
न वो समर्थ है, भैया है और न ही सरकार
'समर्थ भैयाजी सरकार' को लेकर स्वामी अखिलेश्वरानन्द महाराज बोले कि न बो समर्थ है, न भैया और न ही सरकार। क्योकि कोई भी पारंपरिक साधू संत इस ढंग की हरकत कभी नहीं करता। उन्होंने ऐसे आचरण को पाखण्डवाद करार दिया। बोले कि कथित तौर पर संत के रूप में महिमामंडित होने वाला यह शख्स गैरपारंपरिक साधू है। शरीर में सिर्फ लंगोट धारणकर शिवलिंग पर खड़े होकर सनातन धर्म की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम किया गया है। जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
Video भी वायरल, ये नकलची है
शिवलिंग आकृति वाले फोटो वायरल होने के बाद एक वीडियो की भी चर्चा हो रही है। साथ ही कुछ स्कूली बच्चियों के सामने सिर्फ लंगोट पहने फोटो भी वायरल हुई है। स्वामी अखिलेश्वरानन्द महाराज ने इस पर भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि सिद्ध कोटि का कोई भी संत अपनी मर्यादाओं को नहीं लांघता। जिस ढंग से बालू स्नान का वीडियो सामने आया है, उसमें कुछ महिलाएं भी दिख रही है, जिनसे, कथित रूप से संत बने भैयाजी सरकार अपने शरीर को स्पर्श करा रहे है। वह दूसरे सिद्ध संतों की नक़ल करके असल बनने की कोशिश कर रहे है।
ये है पूरा मामला
बतौर संत के रूप में पूजे जा रहे भैयाजी सरकार खुद को नर्मदा का परम भक्त बताते है। 8 नवम्बर से एमपी के ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा शुरू की। करीब 32 सौ किमी की यह परिक्रमा भरूच के संगम और नर्मदा के उद्गम अमरकंटक से होते हुए वापस ओंकारेश्वर में समाप्त होगी। बताया जा रहा है कि वे 26 महीने से निराहार है, सिर्फ नर्मदा जल ग्रहण करते है। इसी यात्रा के दौरान किसी धार्मिक जगह की ये फोटो होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि शिवलिंग वाले आपत्तिजनक फोटो शूट को लेकर अभी तक उनका कोई बयान सामने नहीं आया है।
सोशल मीडिया में की जा रही बहिष्कार की अपील
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली इन फोटो के वायरल होने के बाद कार्रवाई की मांग की जा रही है। पुलिस में कुछ संगठन और आम लोगों ने अलग-अलग शिकायत की है। एडवोकेट तरुण शुक्ला ने इस सिलसिले में कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने मामला गंभीर होने बाबजूद अभी तक FIR दर्ज नहीं की। वहीं सोशल मीडिया पर भी भैयाजी सरकार के बहिष्कार की अपील की जा रही है।
https://www.facebook.com/reel/2227356970759754/?s=fb_shorts_tab&stack_idx=0