Jabalpur News: हाईकोर्ट की इजाजत बिना नहीं होगी पुलिस आरक्षकों की भर्ती, DGP सरकार और अन्य को नोटिस
मध्यप्रदेश में आरक्षक भर्ती 2020 की चयन प्रक्रिया में हाईकोर्ट की इजाजत के बिना पुलिस आरक्षकों की भर्ती नहीं होगी। कुछ अभ्यर्थियों के द्वारा याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश दिया है। साथ ही राज्य सरकार, डीजीपी और कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन को नोटिस जारी कर सभी से दो हफ़्ते में जबाब माँगा है।
एमपी में कर्मचारी चयन आयोग ने पुलिस आरक्षक भर्ती 2020 का आयोजन किया था। जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुछ जिलों के अभ्यर्थियों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए। जिसके संबंध में मप्र के जबलपुर हाईकोर्ट में सागर, रीवा, सीहोर, छतरपुर, टीकमगढ़, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, विदिशा, शाजापुर सहित अन्य जिलों के अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की। यह आरोप भी लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में व्यापक पैमाने में अनियमितताएं हुई। तय मापदंडो के अनुसार लिखित और शारीरिक दोनों परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें अपात्र अभ्यर्थियों की श्रेणी में माना गया।
याचिकाकर्ताओं ने जब शासन और कर्मचारी चयन आयोग से जब इस सिलसिले में शिकायत की तो उन्हें रोजगार पंजीयन में त्रुटि होने का हवाला दिया गया। याचिका में बताया गया कि कोरोनाकाल के वक्त सभी का पंजीयन समाप्त हो गया था, लेकिन बाद में शारीरिक परीक्षा के पूर्व पंजीयन का नवीनीकरण करा लिया था। जिसके वैध दस्तावेज भी दिखाए गए लेकिन जिम्मेदार विभागों ने उनकी एक नहीं सुनी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया है कि अदालत की अनुमति के बिना पुलिस आरक्षकों की भर्ती नहीं की जाएगी। याचिका के संबंध में कोर्ट ने राज्य शासन, डीजीपी और कर्मचारी चयन मंडल के चेयरमैन को नोटिस जारी किया है। सभी से दो हफ़्ते में जबाब माँगा है। मामले में अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी।