Indian Railways: अब जर्मन तकनीक के नए कोचों के साथ चलेगी दुर्ग-भोपाल अमरकंटक एक्सप्रेस ट्रेन

एमपी के भोपाल से छत्तीसगढ़ के दुर्ग तक अमरकंटक एक्सप्रेस ट्रेन से सफ़र करने वाले मुसाफिरों के लिए अच्छी खबर हैं। 15 दिसंबर से यात्रियों को अब चमचमाते नए कोच में सफ़र करने का मौका मिलेगा, वो भी जर्मन तकनीक के LHB कोच में। इन कोच में यात्रा पहले से ज्यादा सुविधानजनक रहेगी। साथ ही बर्थ की संख्या भी बढ़ जाएगी। 22 कोचों से चलने वाली इस ट्रेन के नए रूप को लेकर रेल प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।

मध्यप्रदेश में इटारसी-जबलपुर के रास्ते छत्तीसगढ़ को कनेक्ट करने वाली बेहद डिमांडफुल ट्रेन अमरकंटक एक्सप्रेस नए रूप में नजर आएगी। इसके कोच बदले जा रहे हैं। रेलवे इस ट्रेन में एलएचबी कोच लगाएगा। रेल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक एलएचबी नए कोच जर्मन तकनीक वाले होंगे। जो पहले के कोच से ज्यादा आरामदायक रहेंगे। यात्रियों को न सिर्फ जर्क कम लगेंगे, बल्कि ट्रेन में सीटों की संख्या में भी इजाफा हो जाएगा। दुर्ग से भोपाल के बीच चलने वाली इस ट्रेन की जबलपुर के यात्रियों को सबसे ज्यादा जरुरत रहती पड़ती है। क्योकि इस इलाके के यात्रियों के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर दुर्ग बिलासपुर पहुँचने के लिए रात के सफ़र वाली एक मात्र ट्रेन है। इंदौर बिलासपुर दिन में जाती है और अंतिम स्टॉप बिलासपुर है।

जबलपुर रेल मंडल के सीनियर DCM विश्वरंजन के मुताबिक वर्तमान में 17 बोगियों में 1224 यात्रियों के लिए बर्थ का इंतजाम रहता था, जो बढ़कर 1280 हो जाएगी। नये एलएचबी कोचों में एसी- टू टायर के दो कोचों में 08 बर्थ, एसी- थ्री टायर के तीन कोचों में 24 तथा दिव्तीय श्रेणी के शयनयान कोचों में 936 बर्थ के स्थान पर 960 बर्थ की सुविधा सहित कुल 56 बर्थ की वृद्धि हो जाएगी। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी। इसलिए यात्रियों को सुविधा होगी। नई शैली और तकनीक वाले कोच पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है और लंबाई भी अधिक हैं।
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