Jabalpur: अचानक दुकान के अंदर घुसे सांडों में होने लगा दंगल, तो फिर हुआ ये सब
जबलपुर के सदर इलाके में हुई सांडों के बीच लड़ाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आशीष कुरील की सदर क्षेत्र की गली नंबर दो में CCTV कैमरे की दुकान है। देर शाम जब वह दुकान के काउंटर पर बैठा था,
जबलपुर, 27 जुलाई: ज़रा सोचिए अगर हट्टे-कट्टे दो सांड अचानक आपके घर या दुकान के अंदर घुस आए और उनके बीच लड़ाई होने लगे तो क्या हाल होगा? कुछ ऐसा ही मप्र के जबलपुर में एक दुकान में हुआ। अचानक अंदर घुसे दो सांडों के बीच दंगल होने लगा, दुकान कैमरे की थी, तो वहां लगे CCTV कैमरों में सांडों की लड़ाई कैद हो गई। इस दौरान दुकानदार ने भागकर किसी तरह पानी जान बचाई।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
जबलपुर के सदर इलाके में हुई सांडों के बीच लड़ाई का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आशीष कुरील की सदर क्षेत्र की गली नंबर दो में CCTV कैमरे की दुकान है। देर शाम जब वह दुकान के काउंटर पर बैठा था, तो अचानक एक काला और एक लाल-भूरे रंग का सांड आ धमका। दौड़ते हुए दुकान में घुसे दोनों सांड आपस में भिड़ गए।
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सांडों के दंगल में कांप उठा दुकानदार
तगड़े दोनों सांडों की लड़ाई देख दुकानदार आशीष कुरील कांपने लगा। उसकी इतनी हिम्मत भी नहीं पड़ी कि सांडों को दुकान के छोटे दरवाजे से बाहर भगाया जा सकें। काउंटर के पास बोतल में रखा पानी भी डाला गया, लेकिन सांड तो अपनी धुन में ही मस्त थे। किसी तरह वह सांडों से बचकर बाहर की ओर भागा, तब उसकी जान में जान आई।
दुकान का सामान चौपट, कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त
काफी देर तक सांडों के इस युद्ध से आसपास के दुकानदारों में भी दहशत बढ़ गई। उन्हें आशंका हुई कि कही कैमरे वाली दुकान से बाहर निकलते ही सांड कही उनकी दुकान में न घुस जाए। फ़ौरन लोगों ने अपनी दुकानों की शटर गिरा ली। काफी देर बाद आशीष की दुकान से सांड बाहर निकले और वहां खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाते हुए मेन की तरफ निकल गए। इन आवारा सांडों की जंग में कैमरे वाली दुकान में काफी सामान की टूट-फूट हुई है। वही दुकान के बाहर खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है।
आवारा मवेशियों के तांडव से तंग लोग
शहर सिर्फ सदर इलाका ही नहीं बल्कि पूरे हर जगह गाय-बैल और अन्य मवेशियों का सड़कों पर जमावड़ा लगा रहता है। सदर क्षेत्र केंट बोर्ड में आता है जबकि बाकी शहर का इलाका नगर निगम के अधीन है। दोनों ही संस्थाओं में ऐसे मवेशियों को पकड़ने सालाना लाखों का बजट खर्च होता है। बाबजूद इसके हर रोज कही न कही मवेशियों के बीच होती देखी जा सकती है। आम लोग भी परेशान है, कई बार ऐसी लड़ाई के दौरान राहगीर दुर्घटना का शिकार भी हो चुके है। इसके बाद भी निगम और केंट बोर्ड प्रशासन के कान पर जूं नहीं रेंगती।
क्या लाल रंग से डरते है सांड?
यह बात अक्सर सुनी जाती है कि लाल रंग देखकर सांड या बैल भड़क जाते है। लाल रंग के कपड़े पहना व्यक्ति को देखकर भी सांड-बैल का पारा चढ़ जाता है। लेकिन इस बात से पशु विशेषज्ञ इससे इत्तफाक नहीं रखते है। उनका मानना है कि लाल रंग की यह बात मिथक है। ऐसे जानवर कलर ब्लाइंड होते है। ये बात अलग है कि दुनिया के कई देशों में जहाँ बुल फाइटिंग होती है, वहां सांड या बैल को भड़काने के लिए लाल रंग के कपड़े का इस्तेमाल होता है। इस पर किए गए अध्ययन से भी यह पता लगा कि फाइटिंग में लाल रंग का कपड़ा दिखाने का तरीका सांड बैल को गुस्सा दिलाता है।
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