Ayushman Bharat Scheme: गड़बड़ करने वाले जबलपुर संभाग के अस्पताल संचालकों को लगेगी हथकड़ी, अब तूफानी कार्रवाई
मप्र के जबलपुर स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल में उजागर हुए आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़े मामले के बाद पूरे संभाग से अब शिकायतों की बाढ़ हैं। जिला स्तर पर लगे शिकायतों के ढेर के बाद कमिश्नर ने पूरे संभाग में जांच के निर्देश जारी किए है। आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध अस्पतालों की पड़ताल होगी। अकेले जबलपुर में 31 अस्पताल चिन्हित की गई है। इसी तरह अन्य जिलों में भी बारीकी से जांच की जाएगी।
जबलपुर संभाग के अस्पतालों की होगी जांच
आयुष्मान कार्डधारी व्यक्तियों को अनावश्यक रूप से भर्ती कर शासकीय राशि के दुरुपयोग की मिली शिकायतों पर संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर द्वारा संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को आयुष्मान से अनुबंधित अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए है। जबलपुर के 31 अस्पतालों की जांच हेतु राजस्व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं। कमिश्नर के आदेश के बाद शहर के प्राइवेट अस्पतालों संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
20 दिन के अंदर जांच पूरी करने का टारगेट
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा गठित की गई इन टीमों को आयुष्मान से अनुबंधित इन अस्पतालों की जांच 20 दिन के अंदर करना होगा। जांच प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी प्रस्तुत करेंगे। कलेक्टर द्वारा गठित किये गये जांच दलों में अपर कलेक्टर और एसडीएम आधारताल नम: शिवाय अरजरिया और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीजे मोहंती की टीम को आदित्य सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दुबे सर्जिकल एण्ड डेंटल हॉस्पिटल, अनंत नर्सिंग होम प्राइवेट लिमिटेड और अनुश्री नेत्र चिकित्सालय एण्ड रेटिना केयर हॉस्पिटल की जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
स्कीम में भर्ती मरीजों का खंगाला जाएगा रिकॉर्ड
इसी प्रकार एसडीएम ऋषभ जैन और जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आर.के. पहारिया की टीम को अन्य 27 हॉस्पिटल की जांच की कमान सौंपी गई है। जांच में कई बिंदु शामिल है। अस्पतालों को योजना की संबंधता कब मिली। इसके अलावा भर्ती हो रहे मरीजों का इलाज का स्तर और उसके एवज में शासन से लिया जा रहा क्लेम भी शामिल होगा। जानकारी के मुताबिक प्रशासन भर्ती हुए मरीजों से भी पूछताछ की जा सकती है। ताकि सच्चाई आ सकें। शासन से अब तक हुए भगुतान और भर्ती मरीजों के इलाज से संबंधित फाइलों को देखा जाएगा। इलाज करने वाले डॉक्टरों की विजिट का रिकॉर्ड भी खंगाला जाएगा।
डॉ. पाठक दंपति ने ऐसे किया था फर्जीवाड़ा
डॉ. अश्विनी पाठक और उनकी पत्नी दुहिता पाठक पर आयुष्मान योजना के तहत करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। दंपति अभी जेल में है। सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल की आड़ में दंपति ने होटल को अस्पताल बना लिया था। जिसमें फर्जी मरीजों को भर्ती कर इलाज के नाम पर शासन से भुगतान लिया जाता था। इस गोरखधंधे के खुलासे के बाद जांच दायरा बढ़ता ही चला गया।
फर्जी मरीजों को दिया जाता था लालच
आरोपी पाठक दंपति के होटल में पड़े छापे के दौरान जो मरीज भर्ती मिले थे, उनसे कई चौकाने वाले खुलासे हुए थे। जांच में पाया गया था कि सर्दी जुकाम जैसी शिकायत वाले लोग भर्ती थे। ट्रीटमेंट फ़ाइल में ड्रिप चढ़ाना और कई तरह की जांच होना लिखी रहती थी। लेकिन वास्तव में ऐसा इलाज हुआ ही नहीं। मौके से बरामद दस्तावेजों में यह भी मालूम हुआ कि पैथोलॉजी की रिपोर्ट फ़ेक रहती थी। इन सब कामों के लिए दलाल भी एक्टिव रहे।