फुटबॉल विश्वकप का इस्तेमाल इस्लाम का प्रचार के लिए क्यों? कतर पहुंचा जहरीला जाकिर नाइक
कतर बाहें पसारकर उस जाकिर नाइक का स्वागत कर रहा है, जिसने ठीक वैसा ही बयान दिया था, जैसा बयान बीजेपी की सस्पेंडेड नेता नूपुर शर्मा ने दिया था।
Zakir Naik in Qatar FIFA World Cup: खाड़ी देश में आज से फीफा विश्व कप फुटबॉल का आयोजन हो रहा है, लेकिन इस इस्लामिक देश की नीयत पर गंभीर सवाल उठे हैं, क्योंकि खेल के आयोजन में कतर ने भारत के भगोड़े इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक को इस्लाम का प्रचार करने के लिए बुलाया है। कुख्यात कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और दूसरे धर्मों के अपमान करने के साथ साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है।
कतर पहुंचा जाकिर नाइक
कतर ने जाकिर नाइक को फुटबाल विश्वकप के दौरान देश में इस्लाम का प्रचार करने के लिए आमंत्रित किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जाकिर नाइक 2022 फीफा वर्ल्ड कप से पहले ही कतर के दोहा पहुंच चुका है और वह देश में पूरे टूर्नामेंट के दौरान अलग अलग जगहों पर इस्लाम का प्रचार करने के लिए व्याख्यान देगा। सोशल मीडिया पर, यह जानकारी कई व्यक्तियों और मीडिया संगठनों ने साझा की है। इसकी जानकारी कतरी राज्य के स्वामित्व वाले स्पोर्ट्स चैनल अलकास के प्रजेंटर फैसल अल्हाजरी ने भी ट्विटर पर दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि, "प्रचारक शेख जाकिर नाइक विश्व कप के दौरान कतर में हैं और पूरे विश्व कप में कई धार्मिक व्याख्यान देंगे।" मशहूर एंटरटेनमेंट मैगजीन स्क्रीनमिक्स ने भी इस खबर की पुष्टि की है। मैगजीन लिखा है कि, "कतर में सबसे बड़े इस्लामिक उपदेशक डी. जाकिर नाइक 2022 विश्व कप के दौरान धार्मिक व्याख्यान देंगे।"
नूपुर शर्मा जैसा ही दिया था बयान
सबसे दिलचस्प बात ये है, कि कतर बाहें पसारकर उस जाकिर नाइक का स्वागत कर रहा है, जिसने ठीक वैसा ही बयान दिया था, जैसा बीजेपी की सस्पेंडेड नेता नूपुर शर्मा ने दिया था। जब नूपुर शर्मा ने इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद की शादी के बारे में बात की थी, तब कतर ने उनका जोरदार विरोध किया था, और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद उठे विवाद पर भारत सरकार को समन भेजने वाले देशों में सबसे पहले स्थान पर था। इस साल जून में कतर ने भारत के राजदूत को तलब किया था और इस्लाम के संस्थापक पैगंबर के बारे में बीजेपी नेता की टिप्पणियों की खाड़ी देशों की कड़ी "अस्वीकृति और निंदा" व्यक्त करते हुए विरोध ज्ञापन दिया था। लेकिन, जाकिन नाइक वही बातें पहले ही कर चुका है और इसके लिए जाकिर नाइक ने इस्लामिक किताब का हवाला दिया था।
भारत का भगोड़ा है जाकिर
जाकिर नाइक भारत का भगोड़ा अपराधी है और उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अभद्र भाषाओं के इस्तेमाल का आरोप है। भारत ने धार्मिक समुदायों और समूहों के बीच शत्रुता, घृणा, या दुर्भावना की भावनाओं को भड़काने और अपने अनुयायियों को उकसाने और सहायता करने का आरोप लगाते हुए नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को संचालित करने से रोक दिया था। वहीं, साल 2016 में भारत छोड़ने के बाद जाकिर नाइक मलेशिया भाग गया। 30 मार्च, 2022 को, भारतीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक नोटिस जारी कर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को एक अवैध संगठन घोषित कर दिया और अगले पांच सालों के लिए इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया। यह संगठन कट्टरपंथी उपदेशक जाकिर नाइक द्वारा स्थापित किया गया था, जिस पर अपनी 'धार्मिक बातों' के माध्यम से मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का आरोप है।
नाइक के उपदेश के हिंसक परिणाम
जाकिर नाइक की कट्टरपंथी इस्लामी गतिविधियों को अच्छी तरह से दर्ज किया गया है। साल 2016 में ढाका ब्लास्ट मामले में शामिल आतंकियों ने स्वीकार किया था, कि वे जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित थे। इसके साथ ही साल 2019 में जाकिर को हिंदुओं और चीनी मलेशियाई लोगों के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणी करने के बाद मलेशिया में भाषण देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस सिलसिले में मलेशिया की पुलिस ने जाकिर नाइक से कई घंटों तक पूछताछ की थी। जाकिर नाइक भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में वांटेड है और भारत सरकार ने नफरत फैलाने वाले प्रचार के लिए उनके चैनल पीस टीवी को बंद कर दिया था।
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