क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

चीन को उत्तर कोरिया से 'इश्क' क्यों है?

चीन और उत्तर कोरिया के बीच प्रेम किसी से छुपा नहीं है लेकिन ट्रंप को क्यों लगता है कि 'इश्क' टूट जाए?

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
उत्तर कोरिया
Getty Images
उत्तर कोरिया

डोनल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उत्तर कोरिया पर काबू पाने के लिए सारे विकल्प खुले हैं. इसमें सैन्य कार्रवाई के साथ चीन पर दबाव की रणनीति भी शामिल है.

क्या ट्रंप की कोई रणनीति उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ काम कर रही है? उत्तर कोरिया के सबसे बड़े सहयोगी चीन का भी कहना है कि वह परमाणु कार्यक्रम से क़दम पीछे खींच ले. इन सबके बावजूद उत्तर कोरिया थमने का नाम नहीं ले रहा है.

ऐसे में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन को कैसे रोका जा सकता है?

हाल ही में उत्तर कोरिया के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र ने कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे. इस प्रतिबंध का चीन ने भी समर्थन किया था. हालांकि उत्तर कोरिया को लेकर चीन से ट्रंप की शिकायत ख़त्म नहीं हुई है. इस मामले में ट्रंप कई बार चीन की ट्विटर पर शिकायत कर चुके हैं. उत्तर कोरिया और चीन के बीच आयात-निर्यात अब भी जारी है.

उत्तर कोरिया संकट: आगे क्या हो सकता है?

क्या गुआम के बारे में ये 5 बातें आप जानते हैं?

गुआम पर क्यों हमला करना चाहता है उत्तर कोरिया?

चीन और उत्तर कोरिया
Getty Images
चीन और उत्तर कोरिया

ट्रंप का क्यों लगता है कि चीन काम करेगा?

ट्रंप को लगता है कि उत्तर कोरिया समस्या का निदान चीन के सहयोग से आसानी से किया जा सकता है. अमरीकी राष्ट्रपति ने इसे लेकर ट्वीट भी किया था. आख़िर ट्रंप को चीन के साथ ऐसा क्यों लगता है?

बीबीसी के बीजिंग संवाददाताओं का कहना है कि चीन के दक्षिण कोरिया से संबंध ख़राब होना उत्तर कोरिया से क़रीब होने की कहानी को बयां करता है. दूसरी तरफ़ दक्षिण कोरिया और अमरीका के बीच गहरे संबंध हैं. ट्रंप के कहने भर से चीन उत्तर कोरिया को लेकर अपनी नीति में बदलाव नहीं कर लेगा. चीन ख़ुद को वैचारिक स्तर पर एक दलीय राज्य के रूप में असुरक्षित महसूस करता है.

अगर उत्तर कोरिया में कोई सत्ता परविर्तन होता है तो इसका असर चीन में भी पड़ेगा. चीन नहीं चाहता है कि उसके देश में सत्ता के ख़िलाफ़ जनता अवाज़ उठाए. चीन उत्तर कोरिया में किम जोंग-उन का समर्थन करता है.

उत्तर कोरिया
Getty Images
उत्तर कोरिया

चीन और उत्तर कोरिया में दोस्ती

चीन और उत्तर कोरिया ने 1961 में पारस्परिक सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि में कहा गया है कि अगर दोनों देशों में से किसी पर हमला होता है तो वे एक दूसरे को तत्काल मदद करेंगे. इसमें सैन्य सहयोग भी शामिल है. इस संधि में यह भी कहा गया है कि दोनों शांति और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना है.

कुछ चीनी विशेषज्ञों का अब मानना है कि परमाणु कार्यक्रम के साथ चीन को उत्तर कोरिया के साथ हुई संधि के साथ नहीं रहना चाहिए. लेकिन चीन कोरियाई प्रायद्वीप में उत्तर कोरिया को हाथ से जाने नहीं देना चाहता है. चीन को लगता है कि कोरियाई प्रायद्वीप में किसी का प्रभुत्व नहीं बढ़े.

दक्षिण कोरिया के साथ चीन का राजनयिक संबंध 25 सालों से ज़्यादा वक़्त से हैं लेकिन सुरक्षा का मसलों पर दोनों देशों में पर्याप्त दूरियां हैं. अगर कोरियाई प्रायद्वीप में कोई परमाणु युद्ध होता है तो चीन के लिए भी ख़तरनाक होगा. अगर चीन एशिया का नेतृत्व करना चाहता है को वह उत्तर कोरिया को बेलगाम नहीं छोड़ सकता है.

उत्तर कोरिया
Reuters
उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया में चीनी कंपनियां आर्म्स प्रोग्राम की आपूर्ति करती हैं. ऐसी स्थिति में चीन चाहे तो उत्तर कोरिया पर लगाम कस सकता है. चीन अब तक उत्तर कोरिया के हर क़दम पर यही कहते आया है कि उसे संयम और शांति से काम लेना चाहिए. चीन अगर लगाम कसना चाहे तो उत्तर कोरिया से तेल निर्यात रोक सकता है और विदेशी मुद्रा समझौते को भी रद्द कर सकता है.

चीन में सरकार के अधिकारियों का मानना कि उत्तर कोरिया पर उनके देश को यथास्थिति के पक्ष में रहना चाहिए. इसके कई कारण हैं. अगर किम जोंग उन का शासन ख़त्म हुआ तो लाखों उत्तर कोरियाई नागरिक सीमा पार कर चीन आएंगे.

अगर ऐसा होता है तो चीन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और अव्यवस्था पैदा होगी. एक सोच यह भी है कि किम जोंग उन के शासन ख़त्म होने के बाद कोरिया का एकीकरण हो सकता है और यह चीन के हित में नहीं होगा क्योंकि एकीकृत कोरिया अमरीका के साथ जाएगा.

उत्तर कोरिया
Getty Images
उत्तर कोरिया

दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया का विभाजन

दूसरे विश्व युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दो अलग देश बने थे. इस विभाजन के बाद से दोनों देशों ने अपनी अलग-अलग राह चुनी. कोरिया पर 1910 से जापान का तब तक शासन रहा जब तक 1945 के दूसरे विश्व युद्ध में जापानियों ने हथियार नहीं डाल दिए.

इसके बाद सोवियत की सेना ने कोरिया के उत्तरी भाग को अपने कब्ज़े में लिया और दक्षिणी हिस्से को अमरीका ने. वैचारिक समानता के कारण चीन और रूस में करीबी का संबध था इसलिए चीन भी उत्तर कोरिया के साथ रहा. इसके बाद उत्तरी और दक्षिणी कोरिया में साम्यवाद और 'लोकतंत्र' के बीच लेकर संघर्ष शुरू हुआ.

आज की तारीख़ में दक्षिण कोरिया काफ़ी संपन्न राष्ट्र है जबकि उत्तर कोरिया किम राजवंश के शासन में लगातार दुनिया से अलग-थलग होता गया. 20वीं सदी का यह विभाजन आज भी दुनिया के लिए बड़े विवाद के रूप में कायम है.

BBC Hindi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why is China 'love' from North Korea?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X