शादी से क्यों टूटा चीनी युवाओं का मन और चीन के समाज में कैसी होती है महिलाओं की स्थिति?
चायना नेशनल स्टेटिकिक्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 सालों में चीन में युवाोओं का शादी से काफी ज्यादा मोहभंग हुआ है, वहीं चीन के परिवारों में महिलाओं को काफी प्रताड़ित भी किया जाता है।
बीजिंग, जून 20: कहते हैं किसी शासन का अत्यधिक सख्त होना या तो समाज को बगावत करने पर मजबूर कर देता है या फिर समाज को उदासीन कर देता है। चीन तरक्की के रास्ते पर काफी तेजी से जरूर आगे बढ़ा है, लेकिन इसका खामियाजा चीनी समाज को भुगतना पड़ रहा है। चीन के युवाओं का पारिवारिक व्यवस्था से मोहभंग हो रहा है और विवाह जैसी पारिवारिक व्यवस्था से मन टूट रहा है। चीन ने चाबूक के बल पर समाज में जनसंख्या को नियंत्रित किया और अब उसी चाबूक से जनसंख्या को बढ़ाना भी चाह रहा है, लेकिन अब चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी ऐसा नहीं कर पा रही है। पिछले पांस साल से चीन में काफी तेजी से जनसंख्या बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन चीनी सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन का बर्थरेट और गिरा है। एक अरब 42 करोड़ की आबादी वाल देश चीन में हर साल एक करोड़ से कम बच्चों का पैदा होना बहुत बड़ी चिंता की बात है।
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शादी से चीनी युवाओं का टूटा मन
चायना नेशनल स्टेटिकिक्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 सालों में पहली बार शादी करने वाले युवाओं की तादाद 41 प्रतिशत से घटकर 23.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है। 2013 में जहां 2 करोड़ 38 लाख चीनी युवाओं ने शादी की थी जबकि 2019 में सिर्फ एक करोड़ 39 लाख युवाओं ने ही शादी की है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कई दशकों में धीरे धीरे चीनी युवा शादी और बच्चों जैसे मानवीय संबंधों से कट रहे हैं। इस मोहभंग के पीछे की सबसे बड़ी वजह चीन का 'जनसंख्या नियंत्रण प्लान' था। जानकार कहते हैं चीन की सरकार की जनसंख्या नियंत्रण प्लान की वजह से चीनी परिवारों में बच्चे अकेले होते चले गये, जिससे शादी और पारिवारिक संबंधों से वो दूर हो गये। साथ ही लैंगिक असमानता भी युवाओं का शादी से मोहभंग होने का बड़ा कारण माना जा रहा है। इतना ही नहीं देखा ये भी जा रहा है कि ज्यादातर चीनी पुरूष अपनी पत्नियों का खुलेआम अपमान करते हैं, यहां तक की कई चीनी युवा अपनी पत्नियों को सोशल मीडिया पर 'गधा' कहने से भी नहीं हिचकते हैं। लिहाजा चीनी लड़कियां शादी के बाद किसी लड़के के साथ अपमानजनक जिंदगी बिताने से ज्यादा अकेले रहना पसंद करती हैं।
शादी से डरती चीनी लड़कियां?
चीन में फेमिनिस्ट मुवमेंट चलाने वाली जिओ मेली बताती हैं कि चीनी लड़कियां शादी का नाम सुनते ही अब डरने लगी हैं। ज्यादातर चीनी परिवारों में लड़कियों का बहुत अपमान किया जाता है। उन्हें गालियां दी जाती हैं, उनके साथ मारपीट की जाती है, जिससे दूसरी लड़कियों के मन में बैठ गया है कि शादी सबसे खराब चीज है। लिहाजा ज्यादातर लड़कियां दोस्त तो बनाती हैं, लेकिन शादी के नाम से साफ मुकर जाती हैं। जो चीनी समाज और देश के लिए चिंता करने वाली बात है। चीनी युवाओं का शादी से होता मोहभंग सीधे चीनी जनसंख्या और लैंगिंक असमानता को बढ़ा रहा है। जब शादियां काफी कम हो गई हैं तो जाहिर है बच्चे भी कम पैदा हो रहे हैं, जिसका नुकसान चीन को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर हो रहा है। चीन की सरकार के सिविल एफेयर्स मिनिस्टर यांग ज़ोंगताओ कहते हैं कि शादी और बच्चों के नाम से भागते युवाओं और परिवारों को लेकर चीन की सरकार चिंता में है। हमारी कोशिश है कि हम सामाजिक स्तर पर कोई खास कार्यक्रम चलाएं। जिसके जरिए युवाओं के मन में फिर से प्यार, शादी और पारिवारिक संबंधों के महत्व को समझाया जाए।
चीन में शादी का खराब आंकड़ा
चीनी स्टेटिटिक्स ब्यूरो के आंकड़ों ने चीनी सरकार के सामने खतरे की घंटी बजा दी है। सरकारी रिपोर्ट में पाया गया है कि पिछले कई सालों से चीन में शादियां कम होती जा रही हैं। 2019 में देखा गया कि चीन में एक हजार युवाओं में से सिर्फ 6.6 ने ही शादी की, तो 2013 के मुकाबले 2019 में शादी की दर में 33 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जो पिछले 14 सालों के मुकाबले सबसे कम स्तर पर है। वहीं, चीन की सरकार ये भी मानने लगी है कि 1979 में लाए गये 'वन चाइल्ड' पॉलिसी की वजह से 2014 के बाद से चीन में वर्किंग एज पॉपुलेशन भी काफी तेजी से गिरने लगा है। जिसके बाद चीन की सरकार ने 1 जनवरी 2016 में 'वन चाइल्ड' पॉलिसी को खत्म कर दिया था, और लोगों से दो बच्चे करने की अपील करने लगी, लेकिन चार साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी बच्चों के जन्म का आंकड़ा बढ़ने के बजाए घट ही रहा है।
2016 से 2019 के बीच हर एक हजार शादियों पर सिर्फ 13 बच्चे ही पैदा हुए हैं। चीनी सरकार की सामाजिक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तरफ युवा शादी करने से इनकार कर रहे हैं तो जिन लड़कियों ने शादी कर ली है वो बच्चा ही नहीं चाहती हैं। अब चीन में तीन बच्चे पैदा करने की भी आजादी दी गई है, लेकिन सवाल ये है कि अगर लोग शादी ही नहीं करेंगे तो बच्चे कहां से पैदा होंगे?
चीन में भी 'बेटा ही चाहिए'
चीनी सरकार के सख्त कानून की वजह से 1979 के बाद चीनी परिवारों में एक ही बच्चे को जन्म दिया जाता था। भारत की तरह ही चीनी परिवारों में भी बेटे की जन्म की ख्वाहिश ज्यादा रखी जाती है। जिसका नतीजा अब ये हो रहा है कि चीन में भारी तादाद में लैंगिंक असमानता आ गई है। खासकर चीनी गांवों की स्थिति और ज्यादा खराब है। चीन सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों के मुकाबले 3 करोड़ ज्यादा लड़के हैं और इन लड़कों को शादी करने के लिए दुल्हन खोजने में काफी ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी।
तेजी से बदलता चीन का समाज
चीन सरकार की रिपोर्ट कहती है कि बदलते वक्त के साथ चीनी समाज में आर्थिक और सामाजिक स्तर पर बड़े बदलाव हुए हैं। खासकर नये जमाने की लड़कियां, लड़कों के मुकाबले ज्यादा पढ़ रही हैं जिसकी वजह से वो आर्थिक तौर पर स्वतंत्र हो रही हैं। 2016 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में हायर एजुकेशन में लड़कियां लड़कों से आगे निकल गई हैं। 2016 में जहां 52.5% लड़कियों ने ग्रेजुएशन पास किया वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाली लड़कियों की तादाद लड़कों के मुकाबले 50.6% था।
चीनी समाज की जानकारी रखने वाले जानकारों का कहना है कि आर्थिक आजादी हासिल करने के बाद लड़कियों के लिए शादी करना या किसी के सहारे जिंदगी बिताने की चिंता खत्म हो जाती है और यही चीनी लड़कियों के साथ हुआ है। नये जमाने की चीनी लड़कियां प्रोफेशनल कोर्स कर अपना कैरियर बनाने पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं और शादी उनके लिए खास मायने नहीं रख रहा है। एक तरफ चीन की लड़कियों की मानसिकता बदल गई है तो वहीं चीनी परिवार अब भी अपनी बहुओं से बच्चा पालने और घरेलू काम करने की उम्मीद रखा है। इसने लड़कियों को और ज्यादा शादी से दूर करने का काम किया है। इन सबके साथ ही शादी के बाद होने वाले खर्च ने भी युवाओं को शादी से दूर किया है। ज्यादातर चीनी युवाओं के पास उतने पैसे नहीं होते कि शादी के बाद वो अपने लिए अलग घर खरीद सकें, लिहाजा वो शादी को आफत मानने लगे हैं।
बच्चा बढ़ाने के लिए सरकार की कोशिश
युवाओं का शादी और बच्चों से मोहभंग होना चीनी सरकार के लिए अच्छी बात नहीं है। लिहाजा अब चीनी के अलग अलग राज्यों में शादी और बच्चों के लिए इश्तेहार लगाए जा रहे हैं, युवाओं की काउंसलिंग की जा रही है साथ ही पारिवारिक संस्कारों को लेकर सेमिनारों का आयोजन किया जा रहा है। चीन की राज्य सरकारें बच्चों को किसी परिवार का निजी फैसला नहीं कह रहे हैं, बल्कि बच्चों को राज्य का मुद्दा बताते हैं। शहर से लेकर गांवों तक पोस्टर और बैनर्स के जरिए शादी और बच्चा पैदा करने की अपील की जा रही है। यहां तक की लड़कियों पर अब चीन की राज्यों ने शादी करने और बच्चा पैदा करने के लिए दवाब बनाना भी शुरू कर दिया है। चीनी सरकार को लगता है कि अगर इस संकट पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो आने वाले कुछ सालों में स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है।
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