
VIDEO: तालिबान ने महिलाओं को बीच सड़क पर मारे कोड़े, घर से अकेले निकलने पर दी सजा
Taliban publicly flogged women: साल बीत गए, पीढ़ियां बीत गईं, लेकिन अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं बदला है। नर्क कैसे होता है और नर्क में इंसान कैसे रहते हैं, अगर आपको देखना हो, तो अफगानिस्तान देख आइये। अफगानिस्तान की सड़कें महिलाएं से वीरान रहती हैं और अगर कोई महिला अफगानिस्तान में अपने घर से अकेले निकल जातीा हैं, तो फिर उनके साथ क्या सलूक किया जाता है, उसका एक और वीडियो सामने आया है। तालिबान राज में महिलाओं से बर्बरता को दिखाने वाले इस वीडियो की जितनी भी निंदा की जाए, वो कम है।

सड़क पर महिला की पिटाई
तालिबान राज में एक बार फिर से महिलाओं की सड़क पर पिटाई की गई और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस्लामिक शासन के दौरान महिलाओं के तमाम अधिकार तो पहले ही छीन लिए गये थे, लेकिन अगर किसी महिला से उन कानूनों का उल्लंघन हो जाए, तो फिर उस महिला के साथ कैसा सलूक किया जाता है, उसका वीडियो आप देख सकते हैं। अफगानिस्तान के तखार प्रांत में इस्लामिक फरमान का उल्लंघन करने के आरोप में बेबस महिला की सड़क पर जमकर पिटाई की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक शासन के मुताबिक महिला की गलती ये थी, कि वो बगैर किसी घर के मर्द के सड़क पर अकेले आ गई थी और इसी के लिए उसकी पिटाई की गई है।
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नर्क में अफगान महिलाएं
अफगान पुनर्वास मंत्रालय की पूर्व नीति विशेष सलाहकार शबनम नसीमी, जिन्होंने ब्रिटेन में शरण ले रखा है, उन्होंने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें तालिबानी अधिकारी को एक बेबस महिला पर कोड़े बरसाते हुए देखा जा सकता है। शबनम नसीमी ने लिखा है, कि "अफगानिस्तान की महिलाएं तालिबान शासन के तहत धरती पर नरक का अनुभव कर रही हैं। हमें आंखें नहीं मूंदनी चाहिए। 1996 में पहली बार अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने पिछले साल अगस्त में एक बार फिर से देश पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था और उसके बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू कर दिया है। जिसके तहत अफगान महिलाओं से तमाम अधिकार छीन लिए हैं और उनके अकेले घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है।

महिलाओं से सारे अधिकार छिने
तालिबान के फरमानों के अनुसार, अफगानिस्तान में महिलाएं बुर्का पहने बिना या किसी पुरुष के बिना अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकती हैं। यदि वे इनमें से किसी भी मानदंड का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाते हैं। इससे पहले पिछले महीने ही अफगानिस्तान के एक फुटबॉल स्टेडियम में दर्शकों के सामने तीन महिलाओं सहित 12 लोगों को पीटा गया था। उन महिलाओं पर व्यभिचार का आरोप लगाया गया था, जबकि मर्दों पर समलैंगिक होने का आरोप लगाया गया था। वहीं, इससे कुछ ही दिन पहले, एक वीडियो में इस्लामवादी समूह को सार्वजनिक रूप से एक बुर्का पहने महिला की पिटाई करते हुए दिखाया गया था। पिछले महीने तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने देश की इस्लामी अदालतों को इस्लामी कानून के तहत सख्त सजा सुनाने का आदेश दिया था, जिसमें लोगों को पत्थर से मारना, कोड़े बरसाना, अंग भंग करना शामिल है। यानि, तालिबान पूरी तरह से जंगलीपन पर उतर आया है। तालिबान के अधिकारियों का कहना है कि, एक व्यक्ति को अधिकतम 39 बार कोड़े मारे जा सकते हैं।