चीन के परमाणु प्रोग्राम ने अमेरिका के उड़ाए होश, US न्यूक्लियर कमांडर बोले, डूब रहा है हमारा जहाज
एफएएस की रिपोर्ट में चीन के पास मौजूद परमाणु बमों की भी बात की गई है। लिस्ट के मुताबिक चीन के पास इस वक्त 350 परमाणु बम मौजूद हैं।
China's nuclear weapons program: शी जिनपिंग के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने से पहले से ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी, कि अपने तीसरे कार्यकाल में चीन तेजी से परमाणु हथियारों का निर्माण कर सकता है, लेकिन अमेरिकी न्यूक्लियर कमांडर ने जो रिपोर्ट दी है, उसने चीन की परमाणु हथियार बनाने की रफ्तार ने दुनियाभर के एक्सपर्ट्स को सदमे में डाल दिया है। यूएस स्ट्रैटजिक कमांड के कमांडर चार्ल्स रिचर्ड, जो अमेरिका के परमाणु हथियार कार्यक्रम की देखरेख करते हैं, उन्होंने चेतावनी दी है, कि चीन ने अमेरिका की तुलना में काफी तेजी के साथ परमाणु हथियारों को विकसित कर रहा है। इस हफ्ते की शुरूआत में एक 'बंद कार्यक्रम' के दौरान उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, चीन का परमाणु कार्यक्रम निकट भविष्य में बहुत बड़ी समस्या बनने वाली है।
चीन के परमाणु कार्यक्रम ने डराया
हालांकि, यूएस स्ट्रैटजिक कमांड के कमांडर ने अब जाकर खतरे का अलार्म बजाया है, लेकिन पेंटागन के अधिकारी पिछले कई सालों से लगातार चीन के सैन्य निर्माण और परमाणु हथियारों के विकास के बारे में दुनिया को सावधान कर रहे हैं। लेकिन, चार्ल्स रिचर्ड की टिप्पणी पेंटागन करे अधिकारियों की टिप्पणी से ज्यादा गंभीर है, जिसका खतरा उन्होंने सार्वजनिक तौर पर बताया है। चार्ल्स रिचर्ड ने कहा कि, "जैसा कि मैं चीन के खिलाफ हमारे प्रतिरोध के स्तर का आकलन करता हूं, तो हमारा जहाज धीरे-धीरे डूब रहा है।" एडमिरल चार्ल्स रिचर्ड ने कहा कि, " हालांकि, हमारा जहाज धीरे-धीरे डूब रहा है, लेकिन ये डूब रहा है। क्योंकि, उनका परमाणु कार्यक्रम हमारे मुकाबले काफी ज्यादा तेज है और वो काफी तेजी से परमाणु हथियारों के क्षेत्र में क्षमता हासिल कर रहे हैं"।
'निकट भविष्य की समस्या'
अमेरिकी अधिकारी रिचर्ड ने चीन के परमाणु हथियार कार्यक्रम के डेवलपमेंट को "निकट अवधि की समस्या" करार दिया है। उन्होंने कहा कि, 'परमाणु हथियार बनाने का ग्राफ उनका जिस तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, कि हमारी ऑपरेटिंग प्लानिंग कितनी अच्छी है या फिर हमारे कमांडर कितने अच्छे हैं, या फिर हमारी फोर्स कितनी अच्छी है। क्योंकि हमारे पास जो चीजे हैं, वो उन्हें रोकने में पर्याप्त नहीं होगा और यह हमारे लिए निकट अवधि की समस्या है।' रिचर्ड ने बुधवार को नेवल सबमरीन लीग वार्षिक संगोष्ठी में एक भाषण कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की है। इस आयोजन में जनता को शामिल नहीं किया गया था, लेकिन रिचर्ड की टिप्पणियों को शुक्रवार को रक्षा विभाग के एक समाचार लेख में प्रकाशित किया गया था।
चीन का खतरनाक परमाणु कार्यक्रम
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन प्रशासन ने लगातार चीन को अमेरिका का मुख्य वैश्विक प्रतियोगी कहा है और अक्टूबर के आखिरी दिनों में जारी अमेरिका की डिफेंस, मिलिट्री और न्यूक्लियर हथियार प्रोग्राम को लेकर अमेरिका की रणनीतिक दस्तावेजों की एक श्रृंखला में अपने ही देश के सैन्य और परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर चेतावनी दी गई है। अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने रणनीति के बारे में कहा कि, चीन अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि वो लगातार संयुक्त राज्य अमेरिका को सैन्य, आर्थिक, तकनीकी, कूटनीतिक क्षेत्र में व्यवस्थित रूप से चुनौती देने की मंशा और क्षमता दोनों के साथ आगे बढ़ रहा है।" वहीं, चीन के परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में नीतिगत दस्तावेजों में से एक, न्यूक्लियर पोस्चर रिव्यू में कहा गया है कि, चीन इस "दशक के अंत तक कम से कम 1,000 परमाणु हथियारों का निर्माण कर लेगा।"
अभी किसके पास कितने परमाणु बम?
एफएएस की रिपोर्ट में चीन के पास मौजूद परमाणु बमों की भी बात की गई है। लिस्ट के मुताबिक चीन के पास इस वक्त 350 परमाणु बम मौजूद हैं। वहीं चौथे नंबर पर फ्रांस का स्थान है, जिसके पास 290 परमाणु बम हैं वहीं पांचवें नंबर पर 195 परमाणु बमों के साथ ब्रिटेन मौजूद है। ब्रिटेन के बाद नंबर है पाकिस्तान का, जिसके पास 165 परमाणु बम मौजूद हैं, वहीं पाकिस्तान के बाद भारत 160 परमाणु बम के साथ सातवें नंबर पर मौजूद है। हालांकि, एफएएस की रिपोर्ट में चीन के परमाणु बमों की संख्या पर शक जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के ने चोरी-छिपे भी परमाणु बम और हथियार इकट्ठा कर रखे होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, शीत युद्ध के बाद परमाणु हथियारों की संख्या में इसलिए कमी आ रही है क्योंकि रूस और अमेरिका अपने रिटायर्ड परमाणु बमों को खत्म कर रहे हैं।
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