ताइवान यात्रा के दौरान नैन्सी पेलोसी के प्लेन पर चीनी हमले को रोकने की तैयारी कर रहा अमेरिका
वाशिंगटन, 27 जुलाईः ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बीते कुछ समय से तनाव बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की अगस्त में ताइवान की संभावित यात्रा को लेकर चीन बेहद नाराज हो गया है। चीन ने अमेरिका को इसका परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह दौरा होता है तो वह आवश्यक कदम उठाने पर मजबूर हो जाएगा। अब इसे लेकर अमेरिका सेना ने आशंका जताई है कि यदि नैंसी पेलोसी ताइवान का दौरा करती हैं तो चीन प्लेन पर हमला कर सकता है।
अमेरिका ने हमला रोकने की तैयारी शुरू की
नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर अमेरिका ने तैयारी शुरू कर दी है। अगर नैंसी पेलोसी के प्लेन पर चीन हमला करता है तो ऐसी स्थिति से बचाव के लिए अमेरिकी सेना के जहाज और एयरक्राफ्ट इंडो-पैसेफिक रीजन में अलर्ट पर रहेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है, लेकिन यह जरूर कहा कि अगर यह दौरा होता है तो फाइटर जेट, जहाज, सर्विलांस सिस्टम और अन्य मिलिट्री सिस्टम को अलर्ट पर रखेंगे।
25 साल बाद हो रही यात्रा
यूं तो किसी भी अमेरिकी नेता के विदेशी दौरों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था तैनात होती है, लेकिन नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा का मामला बाकी सभी दौरों से बिल्कुल अलग है। 25 साल बाद पहली बार अमेरिका का कोई निर्वाचित प्रतिनिधि ताइवान के दौरे पर जा रहा है। इससे चीन भंयकर नाराज दिख रहा है। उसने पिछले दिनों अमेरिका को इसके नतीजे भुगतने की चेतावनी दी थी।
नैंसी पेलोसी को दी जाएगी पूरी सुरक्षा
अमेरिकी जनरल मार्क मिली ने कहा कि अभी नैन्सी पेलोसी का यात्रा के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन अगर वह इस दौरे पर जाती हैं तो सेना की ओर से पूरी तैयारी की जाएगी और उन्हें जरूरी सुरक्षा दी जाएगी। हालांकि उन्होंने विवरण प्रदान करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि लड़ाकू जेट, जहाजों, निगरानी संपत्तियों और अन्य सैन्य प्रणालियों का इस्तेमाल संभवतः ताइवान की उड़ान के लिए और वहां जमीन पर किसी भी समय सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
बाइडेन और जिनपिंग के बीच होने वाली है बातचीत
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि नैन्सी पेलोसी के ताइवान जाने के दौरान उनके प्लेन के आसपास बफर जोन बनाने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में पहले से ही अमेरिकी सुरक्षा बलों की मौजूदगी है। ऐसे में किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर वे पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे। इस बीच गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के शी जिनपिंग के बीच बातचीत होने वाली है। पिछले 4 महीनों में दोनों देशों के मुखिया की यह पहली बातचीत होगी।
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