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अमेरिकी मध्यावधि चुनाव: डोनाल्ड ट्रंप की बत्ती गुल, बाइडेन ने 2024 के लिए ठोकी ताल, जानिए नतीजों के मायने

अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में प्रांतीय गवर्नर के लिए भी चुनाव हुए थे और गवर्नर चुनाव परिणाम इस बात के संकेत देते हैं, कि साल 2024 में जो राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है, उसमें कौन मजबूत दावेदार होगा।

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US Mid-Term Polls: अमेरिका में 2024 राष्ट्रपति चुनाव से पहले हुए मध्यावधि चुनाव आश्चर्य और सस्पेंस-थ्रिलर से भरा हुआ चुनाव था। डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को पूरी उम्मीद थी, कि उसे हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव और सीनेट में शानदार जीत मिलेगी और वो बाइडेन प्रशासन पर प्रेशर बना सकेंगे। रिपब्लिकन पार्टी को उम्मीद थी, कि देश में आसमान छूती महंगाई और विदेश नीति में अमेरिका को एक के बाद एक लगे झटकों का फायदा पार्टी को मिलेगा, लेकिन जब चुनावी नतीजे आने आने शुरू हुए, तो रिपब्लिकन पार्टी के पैरों तले जमीन खिसकने लगी। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में 335 सीटें हैं, जबकि सीनेट की 100 में से 35 सीटों पर मध्यावधि चुनाव हुए थे, जिसको लेकर रिपब्लिकन पार्टी को प्रचंड बहुमत की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और डोनाल्ड ट्रंप के लिए ये चुनावी नतीजे दु:स्वप्न साबित हो रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी को बहुमत तो मिल जाएगा, लेकिन उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिल पाएंगी, जबकि सीनेट में मुकाबला बराबर-बराबर का है। ऐसे में आइये जानते हैं, कि इस चुनाव की बड़ी बातें क्या हैं?

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US Midterm Election Result | Joe Biden | Donald Trump | America Midterm Election | वनइंडिया हिंदी
डोनाल्ड ट्रंप की लहर नहीं

डोनाल्ड ट्रंप की लहर नहीं

मध्यावधि चुनाव की सबसे बड़ी बात ये है, कि डेमोक्रेट्स ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है और रिपब्लिकन पार्टी को प्रचंड बहुमत की तरफ बढ़ने से रोक दिया है। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एनबीसी से बातचीत में कहा कि, "यह निश्चित रूप से रिपब्लिकन पार्टी की लहर नहीं है और ये चुनाव इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है।" हालांकि, हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव यानि सदन में रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत तो मिल गया है, लेकिन बहुमत का अंतर काफी कम है, लिहाजा सदन के बनने वाले नये स्पीकर केविन मैकार्थी के लिए सदन चलाना काफी मुश्किल होने वाला है। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी को सदन में इतनी सीटें नहीं मिल पाई हैं, कि बाइडेन प्रशासन के लिए चुनौती बन सके। वहीं, बात अगर रिपब्लिकन पार्टी की करें, तो उनके लिए जीत आश्चर्यजनक है और अब बाइडेन प्रशासन के लिए बचे दो साल और ज्यादा मजबूत हो गये हैं। आने वाले वक्त में सदन में राष्ट्रपति बाइडेन को टैक्स क्रेटिड, पॉवर परमिट, बिजनेस टैक्स कटौती और संभावित रूप से कर्ज सीमा लिमिट तय करने जैसे कई बिल पास करवाने हैं और निश्चित तौर पर रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से सदन में उन्हें खतरनाक चुनौती नहीं मिल सकेगी।

2024 राष्ट्रपति चुनाव के लिए रेस शुरू

2024 राष्ट्रपति चुनाव के लिए रेस शुरू

अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में प्रांतीय गवर्नर के लिए भी चुनाव हुए थे और गवर्नर चुनाव परिणाम इस बात के संकेत देते हैं, कि साल 2024 में जो राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है, उसमें कौन मजबूत दावेदार होगा। खासकर डोनाल्ड ट्रंप अपनी रिपब्लिकन पार्टी में पकड़ मजबूत करने के लिए उन क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए भरपूर मेहनत कर रहे थे, जहां वो चुनाव प्रचार कर रहे थे। इसके साथ ही उन क्षेत्रों में चुनावी जीत हासिल कर पूरे अमेरिका में अपने समर्थकों को फिर से संदेश देना चाहते थे, कि 2020 चुनाव में उनके साथ धोखाधड़ी हुई थी। लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया। डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव खत्म होने के बाद फ्लोरिडा स्थिति अपने मार-ए-लागो से भारी जीत का दावा किया था, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने जिन उम्मीदवारों को चुना था, वो जीत हासिल करने में भारी संघर्ष करते हुए दिखे हैं। ट्रंप के कई उम्मीदवार चुनाव हार चुके हैं। ट्रंप के उम्मीदवार सिर्फ ओहायो में ही जीत हासिल कर सके हैं। लिहाजा, माना जा रहा है, रिपब्लिकन पार्टी में अब डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका का मूल्यांकन नये सिरे से किया जाएगा, लिहाजा 2024 मे ट्रंप के लिए अपनी दावेदारी जताना अब आसान नहीं होगा।

चुनाव पर महंगाई का असर नहीं

चुनाव पर महंगाई का असर नहीं

मध्यावधि चुनाव में एक और बात जो काफी हद तक साफ हो गई है, वो ये, कि दोनों ही पार्टियों के मतदाताओं ने महंगाई जैसे मुद्दों पर अपनी राय स्पष्ट कर दी है। हालांकि, नेटवर्क एग्जिट पोल के मुताबिक, चुनाव में यह सबसे बड़ा मुद्दा था, जिसमें 79 फीसदी वोटरों ने महंगाई को अपने परिवार के लिए बड़ा मुद्दा बताया था और कहा था कि, महंगाई से उनके परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी हुई हैं। पांच में से एक ने कहा कि यह एक गंभीर कठिनाई थी। इसके साथ ही ज्यादातर वोटरों ने इस बात को भी माना, कि महंगाई की वजह से उनकी तनख्वाव बहुत जल्द ही खत्म जाती है, लेतिन 42 प्रतिशत से ज्यादा वोटरों ने महंगाई के बाइडेन प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना और चुनावी नतीजे उसकी साफ तस्वीर दिखाती है। चुनाव प्रचार के दौरान रिपब्लिकन पार्टी ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बाइडेन को निळाने पर लिया था, लेकिन चुनावी नतीजों में बाइडेन की पार्टी पर इसका असर नहीं दिखा।

बाइडेन लड़ेंगे 2024 का चुनाव?

बाइडेन लड़ेंगे 2024 का चुनाव?

मध्यावधि चुनाव नतीजों से उत्साहित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को साफ कर दिया है, कि वो 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में लड़ने का इरादा रखते हैं और अगले साल इसपर आखिरी फैसला लेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान बाइडेन ने इस चुनाव में लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए वोट डालने की अपील की थी और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपेक्षा से काफी बेहतर प्रदर्शन किया है। इसी महीने 80 साल के हो चुके राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक सलाहकार ने साफ कर दिया है, कि 2024 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभियान को लेकर तैयारी चल रही है। वहीं, बाइडेन ने व्हाइट हाउस में अपनी पत्नी जिल बाइडेन के साथ मिलकर मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'हमारा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का है और यही हमारा इरादा है, लेकिन आखिरकार ये फैसला पूरे परिवार का होगा।'

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English summary
How is the US midterm election a big setback for Donald Trump? Joe Biden intends to contest the 2024 presidential election.
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