Ukraine-Russia War: यूक्रेन से तुर्की में बातचीत के बाद बोला रूस- 'De-Escalation का मतलब युद्धविराम नहीं'
कीव, 30 मार्च। रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग को एक महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। 24 फरवरी से शुरू हुए इस युद्ध में अभी तक कई यूक्रेनी शहर पूरी तरह से तहस-नहस हो चुके हैं लेकिन यूक्रेनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं है तो वहीं, अमेरिका और नाटो देश लगातार यूक्रेन को हथियार मुहैया करवा रहे हैं, जिससे रूस को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की नाटो में शामिल होने का जिद छोड़ चुके हैं, लेकिन अभी भी कई मुद्दों पर दोनों देश आमने-सामने हैं।
Recommended Video
'De-Escalation का मतलब युद्धविराम नहीं'
तो वहीं इसी बीच यूक्रेन-रूस के बीच हुई शांति वार्ता के दूसरे दौर में भी फिलहाल सीजफायर पर सहमति नहीं बनी है लेकिन रूस ने यह वादा किया है कि वह अपने हमले को कम करेगा। उसने कहा कि वह कीव और उत्तरी यूक्रेन के बीच सैन्य अभियान कम करेगा लेकिन ये साफ कर दिया है कि 'यूक्रेन में सैन्य अभियानों को कम करने का मतलब युद्धविराम नहीं है।'
बॉक्सिंग रिंग गर्ल ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को दी खुली चुनौती, कहा- मेरे साथ रिंग में आएं और...
'सैन्य अभियानों को कम करने वाले वादे का मतलब युद्धविराम नहीं'
रॉयटर्स के मुताबिक रूसी टीम के प्रमुख व्लादिमीर मेडिंस्की ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में कहा कि 'डी-एस्केलेशन का मतलब सीजफायर नहीं है। अभी इसके लिए दोनों देशों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। '
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दागन ने किया बड़ा दावा
दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की मध्यस्थता कर रहे तुर्की के राष्ट्रपति एर्दागन ने दावा किया है कि 'दूसरे दौर की वार्ता में दोनों पक्षों में छह बिंदुओं में से चार पर सहमति बन गई है इसलिए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस बार दोनों देशों के बीच समझौता हो जाएगा।'आपको बता दें कि राष्ट्रपति एर्दागन की ये बात इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि इन्होंने ही पहले दौर की बातचीत के बाद कहा था कि दोनों देशों के बीच किसी भी बात पर समझौता नहीं हुआ है और ये युद्द अब लंबा चलेगा।
पुतिन और जेलेंस्की की भी जल्द मुलाकात हो सकती है
जबकि रूस के मुख्य वार्ताकार मेडिंस्की ने तुर्की के इस्तांबुल में हुई रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के बाद कहा था कि वार्ता में फैसला किया गया है कि रूस की सेना अब कीव और चेर्निगोव में सैन्य कार्रवाई को कम करेगी और पुतिन और जेलेंस्की की भी जल्द मुलाकात हो सकती है।