
ताइवान में पार्षद का चुनाव हारने पर राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा, चीनी समर्थक पार्टी जीती
ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने शनिवार शाम स्थानीय चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति त्साई ने सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख के रूप में अपना पद छोड़ा है। देश की राष्ट्रपति के पद पर वह बरकरार रहेंगी। इस स्थानीय चुनाव में विपक्षी पार्टी KMT को जीत मिली है। ऐसे वक्त में जब त्साई चीन के खिलाफ प्रतिरोध की आवाज बनी हैं, अचानक अपने ही देश में चुनाव हार जाना हैरान करता है।

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राष्ट्रपति ने ली हार की जिम्मेदारी
आपको बता दें कि स्थानीय चुनाव के जरिए ताइवानी शहरों के महापौर, काउंटी प्रमुख और पार्षद चुने जाते हैं। त्साई इंग-वेन ने कहा कि इस चुनाव में उन्होंने ही अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को चुना था, ऐसे में वह इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे रही हैं। हार के बाद परंपरा के तहत दिए गए भाषण में त्साई ने अपने समर्थकों को धन्यवाद भी दिया। ताइवान के ये चुनावी नतीजे विपक्षी केएमटी और सत्तारूढ़ डीपीपी दोनों दलों के लिए अहम हैं, क्योंकि 2024 में देश के अगले राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव होने वाले हैं।
पार्टी प्रमुख पद से दिया इस्तीफा
चुनाव परिणाम के बाद संवाददातओं से बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "चुनाव के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे... मुझे सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी चाहिए और मैं तुरंत डीपीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रही हूं।" आपको बता दें कि ये स्थानीय चुनाव घरेलू मुद्दों पर ही आधारित है, इनका चीन से कोई सीधा संबंध नहीं है। हालांकि राष्ट्रपति त्साई ने इस चुनाव को एक स्थानीय चुनाव से अधिक वरीयता दी थी। मतदान से पहले उन्होंने कहा था कि दुनिया देख रही है कि चीन के साथ सैन्य तनाव के बीच ताइवान अपने लोकतंत्र की रक्षा कैसे करता है।
चीन से तनाव बढ़ाने का आरोप
इससे पहले साल 2018 में हुए स्थानीय चुनाव में ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी केएमटी (KMT) ने जीत हासिल की थी। केएमटी पार्टी बीजिंग के साथ रिश्ते बढ़ाने के लिए जानी जाती है। हालांकि यह पार्टी खुले तौर पर यह जाहिर करने से इनकार करती रही है। KMT पार्टी ने मौजूदा राष्ट्रपति त्साई और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) पर चीन के साथ टकराव बढ़ाने का आरोप लगाया था।
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