भारत को मिली Swiss Bank अकाउंट की चौथी लिस्ट, जानिए कितना है महत्वपूर्ण, आगे क्या होगा?
एईओआई के ओईसीडी अंब्रेला के तहत भारत वर्तमान में 78 देशों के साथ थोक वित्तीय और बैंकिंग जानकारी साझा करता है और 107 देशों से इसे प्राप्त करता है।
Swiss bank account details: भारत को स्विस बैंक के खातों की जानकारी का चौथा सेट सौंपा गया है और इस लिस्ट के तहत भारत सरकार को स्विस बैंक में खाता रखने वाले भारतीय नागरिकों और कंपनियों की लिस्ट दी गई है। इसके साथ ही उन संगठनों की भी जानकारी दी गई है, जिनका ताल्लुक भारत है, लेकिन उनका अकाउंट स्विस बैंक में है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार को स्विट्जरलैंड ने 101 देशों के साथ लगभग 34 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है, जिसमें भारत भी शामिल है। आखिर ये जानकारी क्या है और ये कितना महत्वपूर्ण है और आगे क्या होगा, आईये समझते हैं।
स्विट्जरलैंड से जानकारी मिलने का महत्व
जनवरी 2018 में भारत और स्विट्जरलैंड के बीच 'ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन' (AEOI) समझौता किया गया था और इसी समझौते के तहत भारत और स्विट्जरलैंड एक दूसरे के साथ इस तरह की जानकारियां साझा करते हैं। इस एग्रीमेंट के तहत स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत को बैंक डिटेल्स की चौथी लिस्ट सौंपी है और इससे पहले भारत के साथ इस तरह का पहला आदान-प्रदान साल 2019 में हुआ था। भारत सरकार का मकसद इन लिस्ट के जरिए अवैध लेनदेन करने वालों पर नकेल कसना है। पारदर्शिता लाने और मनी लॉन्ड्रिंग को प्रतिबंधित करने की कोशिश के तहत स्विस फेडरल ऑफिस ने बड़े पैमाने पर AEOI 2022 एक्सचेंज एक्सरसाइज का एक विस्तृत विवरण दिया है और अभी-अभी 101 देशों के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान का समापन किया है। इसके तहत 34 लाख खातों की जानकारी सौंपी गई है। कुछ देश जिन्हें पहली बार स्विस AEOI सूची में जोड़ा गया है, वे हैं तुर्की, पेरू और नाइजीरिया। स्विस संघीय टैक्स प्रशासन कार्यालय ने यह भी सूचित किया है, कि इन 101 देशों में से 74 देशों के साथ सूचना का आदान-प्रदान पारस्परिक था।
स्विस सरकार से मिली ये जानकारी कैसी है?
साल 2019 में भारत को AEOI के माध्यम से बैंकिंग जानकारी का अपना पहला बैच प्राप्त करने से पहले अधिकारियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि, भारत उन 73 देशों में शामिल होगा जो डेटा प्राप्त करेंगे और उनके (भारत के) मामले में "कई प्रेषण" की आवश्यकता होगी और भारत सरकार को भारी संख्या में खाताधारकों की जानकारी मिलेगी। वहीं, इस साल फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया है कि, स्विस बैंक की तरफ से जो जानकारी मिली है, उनमें खाताधारकों के नाम, खातों की प्रकृति, उनका पता, उनके देश का नाम, उनकी टैक्स पहचान संख्या, उनके वित्तीय संस्थान की जानकारी और उनके खाते में कितनी राशि बची है और कितनी राशि थी, इसकी पूरी जानकारी शामिल है। अधिकारियों ने कहा था, कि ये जानकारियां पूरी तरह से
बैंकिंग जानकारियों के लिए दिशानिर्देश
AEOI के लिए गाइडलाइंसल और मानदंड पेरिस स्थित अंतर्राष्ट्रीय निकाय, ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन एंड डेवलपमेंट(OECD) द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। एईओआई एक्सचेंज के तहत भारत को जो जानकारियां मिलती हैं, जैसे अभी स्विस बैंक खातों की जानकारी मिली है, उसका इस्तेमाल सिर्फ टैक्स उद्येश्यों से ही किया जा सकता है और भारत में इनका इस्तेमाल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की हिरासत में और कार्रवाई के लिए रखा गया है। वहीं, ओईसीडी के दिशानिर्देशों के तहत, धन की मात्रा या खाताधारकों के नाम का कोई विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। साल 2014 में ओईसीडी ने सामान्य रिपोर्टिंग मानक (सीआरएस) विकसित किया, जो प्रत्येक देश को वित्तीय संस्थानों (एफआई) से डेटा प्राप्त करने की अनुमति देता है और डेटा को ऑटोमेटिक उन देशों के साथ आदान-प्रदान करता है जिनके साथ एईओआई समझौते हर साल किए जाते हैं।
भारत के AEOI नेटवर्क का दायरा क्या है?
एईओआई के ओईसीडी अंब्रेला के तहत भारत वर्तमान में 78 देशों के साथ थोक वित्तीय और बैंकिंग जानकारी साझा करता है और 107 देशों से इसे प्राप्त करता है। वहीं, भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ जो एग्रीमेंट किए हैं, उसके मुताबिक भारत काफी ज्यादा जानकारियां स्विट्जरलैंट से हासिल करता है। यानि, मुख्य रूप से भारत अब 100 से ज्यादा देशों के साथ बैंकिंड डिटेल्स साझा करता है और एफआई डेटा हासिल करता है। जिसकी वजह से सीबीडीटी ने पिछले साल फॉरेन एसेट इन्वेस्टिगेशन यूनिट (FAIUs) नेटवर्क की स्थापना की थी, जिसके 14 अलग अगल इन्वेस्टिगेशन विंग बनाए गये। वहीं, AEOI के रास्ते जो भी बैंकिंग जानकारियां भारत तक पहुंचती हैं, वो काफी सुरक्षित होती हैं और सरकार इस आधार पर कार्रवाई करती है।
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