किर्गिस्तान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने क्यों किया पुलवामा और श्रीलंका हमले का जिक्र
बिशकेक। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बुधवार को किर्गिस्तान की राजधानी बिशकेक में थी और वह यहां पर 21 मई को पहुंची है। चुनावी नतीजों की हलचल के बीच ही सुषमा के यहां पर पहुंचने का मकसद शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शिरकत करना है। सम्मेलन दो दिनों तक चलेगा और बुधवार को पहला दिन था। सुषमा ने पहले दिन सम्मेलन में पुलवामा और श्रीलंका में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। सुषमा ने इन हमलों के साथ ही दुनिया को बताया कि भारत किस तरह से पिछले कई वर्षों से आतंकवाद का सामना करने को मजबूर है। सुषमा ने यहां पर यह भी कहा कि भारत हमेशा से अफगानिस्तान में शांति और क्षेत्रीय स्थिरता का समर्थक रहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी थे मौजूद
सुषमा ने कहा, 'श्रीलंका में हमारे भाई-बहनों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं जिन्होंने हाल ही में आतंकवाद का एक भयावह रूप देखा है। पुलवामा आतंकी हमलों के हमारे जख्म अभी तक ताजे थे और पड़ोसी देश से आई इस खबर ने हमें और दृढ़ कर दिया कि इस बुराई के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ना है।' जिस समय सुषमा यह बात कह रही थीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी वहीं मौजूद थे। सुषमा ने कहा कि भारत एससीओ के रीजनल एंटी-टेरर स्ट्रक्चर (रैट्स) को और मजबूत करने के लिए तैयार है ताकि इस क्षेत्र में मौजूद आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों का सामना किया जा सके। सुषमा ने अफगानिस्तान के हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान को एक 'संगठित, शांतिपूर्ण, सुरक्षित और आर्थिक रूप से संपन्न देश के तौर पर देखना चाहता है।' सुषमा ने इससे पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनोबे जीनबेकोव से मुलाकात की। भारत और पाकिस्तान को पिछले ही वर्ष एससीओ में शामिल किया गया है।
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