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पाकिस्तान की खेती को डिजिटल युग में लाने वाले स्टार्टअप

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Provided by Deutsche Welle

इस्लामाबाद, 31 जनवरी। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के "चक 26" गांव के किसान और स्थानीय पार्षद आमिर हयात भंडारा कहते हैं कि हाल के समय तक उनके पास सबसे आधुनिक उपकरण ट्रैक्टर था. पाकिस्तान के कई सीमांत इलाकों में मोबाइल से कॉल करना भी मुश्किल होता है. लेकिन पिछले साल अक्टूबर से चक 26 गांव और अन्य गांवों के किसानों को एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत फ्री इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है. इस वजह से उनकी किसानी में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं.

तकनीक और किसान एक साथ

कृषि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 20 प्रतिशत योगदान है. कृषि के क्षेत्र में 40 प्रतिशत कार्यबल भी लगा हुआ है. यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक, सातवां सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक और दसवां सबसे बड़ा चावल उत्पादक है, लेकिन देश ज्यादातर मानव श्रम पर निर्भर रहता है और मशीनीकरण के मामले पर अन्य बड़े कृषि देशों से कहीं पीछे है.

चक 26 गांव एक छोटे से डिश के जरिए इंटरनेट नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. इस "डिजिटल डेरा" या बैठक की जगह पर छह स्थानीय किसान कंप्यूटर और टैबलेट देखने आए हैं, जो सटीक मौसम पूर्वानुमान के साथ ताजा बाजार मूल्य और खेती के सुझाव देते हैं.

मक्का, आलू और गेहूं उगाने वाले 45 साल के किसान मुनीर अहमद कहते हैं, "मैंने पहले कभी टैबलेट नहीं देखा." एक और किसान अमजद नासिर ने कहा, "पहले, हम अपने पूर्वजों या अपने खुद के अनुभव पर भरोसा करते थे, लेकिन यह बहुत सटीक नहीं होता था." अमजद उम्मीद करते हैं कि परियोजना अधिक समृद्धि लाएगी.

किसान को लाभ देने वाले नवाचार

सामुदायिक इंटरनेट का उपयोग भंडारा का एकमात्र नवाचार नहीं है. डिजिटल डेरा से कुछ दूरी पर पुराने पानी के पंप पर आधुनिक स्विच प्रणाली लगाई गई है, जो कि एक टैबलेट की मदद से काम करती है. भंडारा को उम्मीद है कि इस तकनीक का इस्तेमाल और भी लोग करेंगे जिससे पानी की खपत कम होगी और मजदूरी भी कम लगेगी. उन्होंने एएफपी को बताया, "कृषि का डिजिटलीकरण और ग्रामीण आबादी के समृद्ध होने का एकमात्र तरीका है."

दूसरी ओर लाहौर में स्टार्टअप ताजा के गोदाम में दर्जनों डिलीवरी कर्मचारी बाइक पर फल और सब्जियां लाद रहे हैं. ताजा किसानों और व्यापारियों के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करता है. सिर्फ चार महीने के ऑपरेशन के बाद कंपनी लाहौर और कराची के व्यापारियों को हर दिन लगभग 100 टन उत्पाद सप्लाई करती है. व्यापारी मोबाइल ऐप के जरिए ऑर्डर देते हैं.

क्षेत्रीय प्रबंधक इनामुल हक कहते हैं, "इससे पहले, व्यापारी को थोक में उत्पादों को दिन की कीमत पर खरीदने के लिए सुबह 5 बजे या साढ़े पांच बजे उठना पड़ता था और फिर उन्हें माल ले जाने में परेशानी होती थी."

ताजा के दफ्तर में कई कर्मचारी ऑर्डर का प्रबंधन करते हैं. लेकिन कुछ समय के लिए खरीदारी अभी भी फोन से की जाती है, क्योंकि किसानों के लिए ऐप अब भी तैयार किया जा रहा है. ताजा के मोहसिन जका कहते हैं, फल और सब्जियां अक्सर खराब सप्लाई चेन के कारण यात्रा के दौरान सड़ जाती हैं, लेकिन ताजा जैसे ऐप पूरे सिस्टम को और अधिक कुशल बनाते हैं.

ताजा के लिए 2 करोड़ डॉलर की फंडिंग के लिए अभियान चलाया जा रहा है. पाकिस्तान के स्टार्टअप्स में अब विदेशी फंडिंग धीरे-धीरे बढ़ रही है. कई रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान के स्टार्टअप्स में विदेशी निवेश पिछले साल 31 करोड़ डॉलर से अधिक था, जो कि 2020 के स्तर से पांच गुना और और पिछले छह वर्षों में कहीं अधिक.

एए/सीके (एएफपी)

Source: DW

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English summary
start ups bringing pakistans farming into digital age
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