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वैज्ञानिकों ने पहली बार चूहे की उम्र को घटाया, अब इंसानों पर किया जाएगा प्रयोग, विज्ञान का चमत्कार

हार्वर्ड के जीवविज्ञानी डॉ डेविड सिंक्लेयर के नेतृत्व में किए गए अभूतपूर्व शोध से मनुष्यों में बढ़ती उम्र को उलटने की दौड़ पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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वॉशिंगटन, जुलाई 26: इंसानों में अमर होने की चाहत है और कोई भी इंसान बूढ़ा नहीं होना चाहता है। हर इंसान चाहता है, कि वो कभी भी ना मरे, वो अमर हो जाए और दुनियाभर के वैज्ञानिक इस कोशिश में लगातार प्रयोग करते रहते है और पहली बार ऐसा हुआ है, कि वैज्ञानिकों की एक टीम ने चूहों की उम्र घटाने में कामयाबी हासिल कर ली है और इसे विज्ञान का चमत्कार कहा जा रहा है। डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार वैज्ञानिकों की एक टीम ने चूहों की कोशिकाओं को रीसेट करने में कामयाबी हासिल कर ली है, जिससे चूहों की उम्र कम हो गई है।

चूंहों पर वैज्ञानिकों का चमत्कारिक प्रयोग

चूंहों पर वैज्ञानिकों का चमत्कारिक प्रयोग

हार्वर्ड के जीवविज्ञानी डॉ डेविड सिंक्लेयर के नेतृत्व में किए गए अभूतपूर्व शोध से मनुष्यों में बढ़ती उम्र को उलटने की दौड़ पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। वैज्ञानिकों की टीम ने प्रोटीन का उपयोग करके अविश्वसनीय परिणाम प्राप्त किए है, जिससे एक वयस्क कोशिका को एक स्टेम सेल में बदलने में कामयाबी मिली है। वैज्ञानिकों ने अपने इस प्रयोग को लेकर कहा है कि, अब प्रभावी रूप से घड़ी की सुइयों को वापस घुमा सकते हैं और उम्र बढ़ाने वाली कोशिकाओं को उसके छोटे आकार में रीसेट कर सकते हैं।

मानव कोशिकाओं पर भी होगा प्रयोग

मानव कोशिकाओं पर भी होगा प्रयोग

डॉ सिनक्लेयर ने सेलुलर कायाकल्प को "स्थायी रीसेट" के रूप में वर्णित किया है और उनका मानना ​​है कि वही वैज्ञानिक सिद्धांत मानव कोशिकाओं पर लागू किया जा सकता है। उन्होंने सीएनएन से बात करते हुए कहा है कि, "जहाँ तक हम बता सकते हैं, और हमें लगता है कि यह एक सार्वभौमिक प्रक्रिया हो सकती है, जिसे हमारी उम्र को रीसेट करने के लिए पूरे शरीर में लागू किया जा सकता है।" डॉ सिनक्लेयर और उनकी टीम ने पहले चूहों में क्षतिग्रस्त रेटिना को युवा चूहों के ब्लड प्लाज्मा को ट्रांसप्लांट करके उसे ठीक करने में कामयाबी हासिल की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि, उन्होंने इस प्रक्रिया से चूहों के सेल्स को बूढ़ा होने से रोकने में 54 प्रतिशत सफलता हासिल की है।

घातक बीमारियों को किया जा सकता है ठीक

घातक बीमारियों को किया जा सकता है ठीक

डॉ सिनक्लेयर को पूरा विश्वास है, कि बढ़ती उम्र को पलटना भी कई घातक बीमारियों को ठीक करने की कुंजी है और उन्हें विश्वास है कि, ये नई वैज्ञानिक तकनीकें इंसानों को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि, "आज हमारे पास 70 साल की उम्र में कैंसर, 80 की उम्र में हृदय रोग और 90 की उम्र में भूलने की बीमारी को ठीक करने की नई तकनीक हासिल करने की क्षमता है और इसकी वजह से जो हजारों जाने जाती हैं, उसे बचाया जा सकता है'।

कैसे कम किया गया उम्र

कैसे कम किया गया उम्र

हालांकि, कुछ और रिसर्चर्स ऐसे हैं, जिन्होंने चूहों की उम्र को पलटने में कामयाबी हासिल की है और उन्हीं वैज्ञानिकों में से एक वैज्ञानिक हैं, जापान के बायोमेडिकल वैज्ञानिक डॉ शिन्या यामानाका, जिन्होंने वयस्क चूहों की त्वचा कोशिकाओं को उनके मूल पैटर्न में उनके एपिजेनेटिक निशान को प्रभावी ढंग से रीसेट करके स्टेम कोशिकाओं के लिए सफलतापूर्वक फिर से प्रोग्राम किया है। आपको बता दें कि, एपिजेनेटिक परिवर्तन ही उम्र बढ़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं और जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, हमें बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। इस सफलता ने जापानी वैज्ञानिक, डॉ यामानाका को नोबेल पुरस्कार दिलाया था और स्टेम सेल को अब "यामानाका कारक" के रूप में जाना जाता है।

यमनाका कारक के साइड इफेक्ट

यमनाका कारक के साइड इफेक्ट

हालांकि, यमनाका कारकों के माध्यम से वयस्क कोशिकाएं पूरी तरह से वापस स्टेम कोशिकाओं में तो बदल जाती हैं, लेकिन वो अपनी पहचान खो देती हैं। वे भूल जाते हैं, कि वे रक्त, हृदय और त्वचा की कोशिकाएँ हैं, जो उन्हें "सेल डू जर्नल्स" के रूप में पुनर्जन्म के लिए एकदम सही बनाती हैं, लेकिन उनका कायाकल्प खराब अवस्था में होता है। यानि, इस पद्धति से अगर किसी चूहे के उम्र को घटाई जाए, तो वो सबकुछ भूलकर एक बच्चा बन जाएगा और वो अपनी यादाश्त तक खो देगा। लिहाजा, वैज्ञानिक ऐसी पद्धति पर रिसर्च कर रहे थे, जिसके तहत उम्र तो कम हो जाए, लेकिन दिमागी सोच पर कोई असर ना पड़े।

लंबे समय तक कर सकते हैं उम्र कंट्रोल

लंबे समय तक कर सकते हैं उम्र कंट्रोल

वैज्ञानिक सिनक्लेयर के प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले व्हिटनी केसी ने कहा कि 'वैज्ञानिक सिनक्लेयर के शोध से पता चलता है कि आप जीवन को लंबे समय तक छोटा बनाने के लिए उम्र बढ़ने को बदल सकते हैं'। उन्होंने कहा कि, अब वह दुनिया को बदलना चाहते हैं और उम्र बढ़ने को एक बीमारी बनाना चाहते हैं'। उन्होंने कहा कि, आधुनिक चिकित्सा पद्धति से बीमारी का इलाज किया जाता है, जबकि बीमारी क्यों हुई है, इसका इलाज नहीं किया जाता है, और ज्यादातर बीमारियों की असल वजह उम्र का बढ़ना है। वहीं, सिनक्लेयर ने कहा कि, 'हम जानते हैं कि जब हम चूहे में मस्तिष्क जैसे अंग की उम्र उलट देते हैं, तो उम्र बढ़ने के रोग दूर हो जाते हैं। याददाश्त वापस आती है, कोई और मनोभ्रंश नहीं होता है। उन्होंने कहा कि, 'मेरा मानना है कि भविष्य में, उम्र बढ़ने में को देर तक रोकना और फिर उसे उलटना, उन बीमारियों के इलाज का सबसे अच्छा तरीका होगा जो हम में से अधिकांश को पीड़ित करते हैं'।

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English summary
Scientists have succeeded in reducing the lifespan of mice for the first time and will now be used on humans.
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